इंदौर के व्यापारियों का पत्र- ‘दीपावली की तारीख पर भ्रम फैलाकर कुछ लोग हिंदुओं को बांटने में लगे हैं’
इंदौर। काशी से लेकर उज्जैन तक 31 अक्टूबर की तारीख दीपावली पूजन के लिए निर्धारित हो चुकी है। इस बीच इंदौर के कुछ पंडित-पुजारी हैं जो अब भी तारीख का भ्रम फैला कर समाज और हिंदू धर्म को बांटने में लगे हुए हैं। दीपावली के उल्लास से बाजार, व्यापारी, मजदूर से लेकर हर व्यक्ति की उम्मीदें जुड़ी रहती हैं।
ऐसे में ये लोग भ्रम फैलाकर त्योहार का उल्लास कम करने में लगे हैं। इंदौर के व्यापारियों की ओर से यह पत्र जारी किया गया है। शहर के सौ से ज्यादा व्यापारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा है कि बिना किसी भ्रम के सभी बाजार और व्यापारी 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाएंगे।
चेंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने पत्र लिखकर व्यापारियों से कहा है कि तिथि को लेकर जो मतभेद चल रहे हैं वो निंदनीय हैं। प्रदोष काल और रात्रिपूजन के साथ सामान्य विवेक से भी 31 अक्टूबर को देशभर के लोगों को दीपावली मनाना उचित व सुविधाजनक लग रहा है।
इसके बाद दीपावली मनाने से प्रतिपदा गोवर्धनपूजा से लेकर भाईदूज तक के त्योहार प्रभावित होंगे। बावजूद यह तथ्य न देखकर कुछ विद्वान खुद के मत को मनवाने के लिए अब भी दीपावली की तारीख को लेकर असमंजस फैलाने में लगे हैं।
तिथि का अलग-अलग निर्धारण हिंदू धर्म को विभाजित करने वाला
समूचा समाज, श्रमिक, उत्पादक व देश इस सबसे बड़े त्योहार को मनाने के लिए इंतजार करता है। कई लोगों की अजीविका इस त्योहार से जुड़ी है। ऐसे में तिथि का अलग-अलग निर्धारण करना पूरे हिंदू धर्म को भी विभाजित करने वाला और चिंता का विषय है। चैंबर ने शहर के लोगों के लिए भी अपील जारी कर दी है कि विषय पर विभाजित न होकर सभी लोग एक साथ 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाएं।