मोबाइल डाटा की स्पीड जांचने की तैयारी में लीगल मेट्रोलाजी विभाग..
लीगल मेट्रोलाजी (विधि माप विज्ञान) विभाग मोबाइल डाटा की गति की जांच करने की तैयारी में है। इस साल के अंत तक लीगल मेट्रोलाजी के अंतर्गत मोबाइल सेवा भी आ सकती है। विभाग ने केंद्र को प्रस्ताव भेजकर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से अनुमति भी मांगी है।
इन दिनों सभी मोबाइल कंपनियां उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा डाटा स्पीड देने की बात तो करती हैं, लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि उन्हें सही सेवा नहीं मिलती। लीगल मेट्रोलाजी के अंतर्गत मोबाइल सेवा आने के बाद उपभोक्ता अपनी शिकायत लीगल मेट्रोलाजी में भी कर सकते है। इसके साथ ही इस वर्ष के अंत तक उपभोक्ताओं से जुड़ी 22 नए उत्पादों को भी लीगल मेट्रोलाजी से जोड़ने की तैयारी है।
अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल सेवा भी लीगल मेट्रोलाजी के दायरे में आने से उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा मिलेगा,उपभोक्ता अपनी शिकायत सीधे विभाग में ही कर सकते है। विभाग जल्द ही उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एक नंबर भी जारी करेगा।
सितंबर आखिर में हुई थी बैठक
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग का दायरा बढ़ाने के साथ ही अन्य बहुत से मुद्दों को लेकर सितंबर आखिरी सप्ताह में नई दिल्ली में लीगल मेट्रोलाजी विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में ही विभाग के दायरे में और भी नई चीजों को लाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई ताकि विभाग के राजस्व में भी ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो सके। साथ ही आम उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा मिल सके।
यह काम करता है विभाग
कम डिलीवरी और अधिक कीमत वसूलना एक ही प्रकार का अपराध है। विधिक माप विज्ञान(लीगल मेट्रोलाजी) अपराधियों पर निगाह बनाए रखती है और कानून के प्रावधानों को सख्ती से लागू करती है। विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के अंतर्गत दोषी व्यापारियों और अन्य व्यक्तियों के लिए दंड निर्धारित है।
बड़े कारोबारी समूह भी निशाने पर
लीगल मेट्रोलाजी विभाग के निशाने पर बड़े-बड़े कारोबारी समूह भी है। इसके लिए विभाग ने लोहा बाजार, आटोमोबाइल, सराफा और सुपर बाजार सेक्टर को अलग-अलग बांट दिया है। हर पखवाड़े या महीने भर में अधिकारियों की टीम इन समूहों की जाचं करती है। एमआरपी से ज्यादा में पानी बाटल व कोल्डिंग बेचने वाले होटल समूहों पर विभाग कार्रवाई भी कर रहा है।