CM साय बोले- पीएम के नाम का जिक्र होने से कांग्रेस ने गरीबों का हक छीना, तो महंत ने धान पर राज्य सरकार को घेरा
केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ को 8,46,931 प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति मिली है। भाजपा इसे लेकर उत्साहित है और पूववर्ती कांग्रेस सरकार पर योजना में प्रधानमंत्री का सिर्फ नाम होने की वजह से गरीबों का हक छीनने का आरोप लगाया है।
वहीं, कांग्रेस ने भाजपा सरकार को धान पर घेरा है। कांग्रेस ने रख-रखाव की व्यवस्था और उठाव में लापरवाही बरतने से एक हजार 37 करोड़ 55 लाख रुपये का धान खराब होने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री आवास को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निवास कार्यालय तो नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत की।
प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र होने से गरीबों का हक छीना : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के कल्याण की योजना है। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में राज्य के 18 लाख परिवार वंचित हो गए थे। बघेल सरकार ने गरीबों का हक सिर्फ इसलिए छीना, क्योंकि इस योजना में प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र था।
कांग्रेस सरकार ने राज्यांश 40 प्रतिशत जमा नहीं किया था। विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबाें को आवास देने का वादा किया था। इसे मोदी की गारंटी में भी शामिल किया गया था। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 13 दिसंबर 2023 को शपथ लिया था। 14 दिसंबर को कैबिनेट की पहली बैठक में ही 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी गई। राज्यांश की व्यवस्था भी तुरंत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए प्रधानमंत्री ने 24,064 आवास की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से कई पूर्ण हो चुके हैं। जनवरी से लेकर अब तक एक लाख 99 हजार आवासों का निर्माण किया जा चुका है। मोदी की गारंटी के अनुसार 18 लाख आवासों का निर्माण समयबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग में निय्यद नेलानार योजना के अंतर्गत प्रदेश में नक्सल प्रभावित और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए भी योजना के तहत 10,000 से अधिक अतिरिक्त आवासों की स्वीकृति के लिए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की गई है। इसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
राज्य सरकार ने नहीं बनाई कार्ययोजना : महंत
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक 144 लाख 92 हजार टन धान की खरीदी की है। यह अनुमानित मात्रा 130 लाख टन से 15 लाख टन अधिक थी। राज्य सरकार ने धान की इस मात्रा के भंडारण, मिलिंग तथा चावल के उपार्जन व भंडारण के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई। इसका दुष्परिणाम हुआ है कि दो सितंबर की स्थिति में धान खरीदी केंद्रों से चार लाख 16 हजार 410 क्विंटल तथा संग्रहण केंद्रों से 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया है।
खरीदी केंद्रों का धान पूरी तरह से खराब हो चुका है। इसकी कुल लागत 166 करोड़ 56 लाख रुपये होती है। संग्रहण केंद्रों में रखा अधिकांश धान पानी से खराब हो चुका है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्यपाल रमेन डेका से खाद्य मंत्री को पद से हटाने, मुख्यमंत्री से स्पष्टी लेने तथा कलेक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले को कांग्रेस सदन तथा विधानसभा में उठाएगी और लोकायुक्त से शिकायत करेगी। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है।