सीएम हिमंता ने दिया बयान, कहा-‘हो’ भाषा को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, झामुमो ने तंज कसते हुए उठाए सवाल
रांचीः असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने ‘हो’ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग से जुड़ी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर झारखंड की राजनीति को गरमा दिया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में रहने वाले आदिवासी ‘हो’ समाज के परिवारजनों की कई वर्षों से मांग थी कि ‘हो’ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.
इसको लेकर उनकी पहल पर ‘हो’ समाज युवा महासभा और अखिल भारतीय हो भाषा एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है. गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया है कि भारत सरकार उनकी मांग पर विचार करेगी. खास बात यह है कि सीएम हिमंता के इस पोस्ट से कुछ घंटे पहले ही पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ‘हो’ भाषा के बाबत लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया था.
झामुमो ने चिट्ठी साझा कर कसा तंज
खास बात यह है कि ‘हो’ भाषा को लेकर राजनीति शुरु होते रही है. झामुमो ने 21 अगस्त 2020 को सीएम हेमंत द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी गई चिट्ठी को साझा करते हुए लिखा है कि केंद्र सरकार की नींद कब खुलेगी. मुख्यमंत्री ने हो, मुंडारी, कुड़ुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार साल पहले ही पत्र लिखा था. सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग पर भी केंद्र सरकार का रवैया सुस्त रहा है.
बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुटी
झारखंड में नैरेटिव सेट करने में जुटी भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. हेमंत सरकार के खिलाफ भाजपा ने 20 सितंबर से परिवर्तन यात्रा शुरु करने की तैयारी की है जो तीन अक्टूबर तक चलेगी. इस दौरान सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 5400 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली जाएगी. इस अभियान की सफलता को लेकर असम के मुख्यमंत्री सह प्रदेश भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने आज पार्टी ऑफिस में हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और हटिया विधायक नवीन जायसवाल मौजूद थे.