छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ में पशुओं की गिनती नई तकनीक से अब घर-घर जाकर ऑनलाइन करेंगे डाटा डिजिटल होगी गणना

जिले में इसी माह से शुरू हो रही 21वीं पशुधन गणना पशुपालन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बार गणना में मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग होगा, जो डेटा संकलन को सरल और प्रभावी बनाएगा। इससे नीति निर्माण में सटीकता और गति आएगी। इस गणना को राष्ट्रीय महत्व की पहल माना जा रहा है, जो राज्य के पशुपालन और कृषि को नई दिशा प्रदान करेगी। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस गणना में सहयोग करें और अपने पशुओं की सही जानकारी प्रदान करें। इससे भविष्य की योजनाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा, जो राज्य और देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा।

ये है गणना का उद्देश्य और प्रक्रिया
ख्या का आकलन करना है। इससे कृषि और पशुपालन से जुड़े नीतिगत निर्णयों में सहायता मि
पशुधन गणना का मुख्य उद्देश्य देश में पशुओं और पक्षियों की सही संलती है। पिछली गणना में मिली जानकारी ने किसानों, व्यापारी और नीति निर्माताओं को महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान किए थे, जिससे उत्पादन और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में सहायता मिली।
पिछली गणना के नतीजे
पिछली पशुधन गणना 2019 में की गई थी, जिसमें 19.2 करोड़ पशुधन की संख्या आंकी गई थी। छत्तीसगढ़ में लगभग 18.11 लाख गायें, 13.09 लाख भैंसें, और 3.25 लाख बकरियां दर्ज की गई थीं। इस गणना ने राज्य के पशुपालन क्षेत्र को महत्वपूर्ण दिशा देने का काम किया था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास योजनाओं को बल मिला था।
विशेष टीमों का किया गठन, मिला प्रशिक्षण
गणना के सफल संचालन के लिए एसएसएस तंवर, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, बिलासपुर के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया है। टीम में डा. विनोद पिल्ले, कैलाश राजपूत और राहुल झेंप जैसे अनुभवी अधिकारी शामिल हैं। इन्हें घर-घर जाकर पशुधन की सही जानकारी संकलित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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