रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। पहले दिन बैठक की शुरूआत में सदन में राजगीत अरपा पैरी के धार गाया गया। इसके बाद विधानसभा के पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धाजंलि दी गई। उनके सम्मान में कुछ देर कार्यवाही स्थगित रहने के बाद फिर से कार्यवाही शुरू हुई है। प्रश्नकाल के दौरान सदन में कई तरह के मुद्दे गूंजे।
इसी बीच विधानसभा में भिलाई के भाजपा विधायक ने छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा सवाल सदन में किया। उन्होंने पूछा कि, बजट सत्र के दौरान प्रदेश के शिक्षा विभाग में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने की थी। विधायक ने पूछा कि शिक्षा विभाग में 33 हजार पदों पर भर्तियां कब तक होगी।
इस पर जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की गयी थी, लेकिन भर्तियां कब तक होगी, इसकी समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।
प्रश्नकाल के दौरान सदन में कई तरह के मुद्दे गूंजे। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में अवैध कब्जे का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय अफसरों से मिलीभगत कर 13 हजार से अधिक कब्जे हुए हैं। उन्होंने सरकार से इसकी जांच की मांग की। विधायक शुशांत ने कहा कि पिछले 5 साल में जो भूमि पुराण लिखा गया है, उसके चक्कर में कई परिवारों को गरुड़ पुराण सुनना पड़ गया।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधायक सुशांत के सवाल के जवाब में कहा कि 2021 से 25 नवंबर 2024 तक जिले में 563 शिकायत मिली है। 256 मामले में सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। मंत्री के जवाबों से असंतुष्ट विधायक ने कहा कि उड़ता पंजाब की तरह उड़ता जमीन का मामला दिख रहा है। मंत्री का जवाब गलत है। पूर्व सरकार में सरकारी जमीन को बंदरबांट हुई, कितने अधिकारी पर करवाई हुई है। मंत्री ने कहा कि कलेक्टर की कमेटी बनाएंगे, जांच कराएंगे।