उच्च शिक्षा विभाग में पदोन्नति और पदस्थापना का बड़ा खेल, प्राचार्यों को दे दी मनचाही जगह…
रायपुर। उच्च शिक्षा विभाग में पदोन्नति के बाद पदस्थापना का जबरदस्त खेल चल रहा है। विभाग ने चार नवंबर को 131 प्रोफेसरों को स्नातक (यूजी) प्राचार्य बनाया था। इसके बाद उन्हें बिना काउंसिलिंग के ही पदस्थापना दी गई थी। बाद में उच्च शिक्षा के सचिव प्रसन्ना आर. ने इस पदस्थापना आदेश को 10 दिन के भीतर ही संशोधित कर दिया और अब 15 प्राचार्यों को मनचाही जगह दे दी। इसके लिए पहले से कॉलेजों को चला रहे वरिष्ठ प्राचार्यों को भी बीच सत्र में हटा दिया गया।
संशोधन आदेश टुकड़े-टुकड़े में निकाले जा रहे हैं। अन्य प्राचार्य संशोधन कराने में जुटे हुए हैं। वहीं जिनकी पदस्थापना दूर हुई है उनमें भारी रोष है। पहली सूची में कई वरिष्ठ प्रोफेसरों को पदोन्नति से वंचित करने की तमाम शिकायतों और दबाव के बाद आखिरकार विभाग हरकत में आया और पदोन्नति से वंचित अन्य तीन प्रोफेसरों को भी पदोन्नति दी है। अब तक 134 की पदोन्नति हो चुकी है।
संशोधन के खेल में पीजी प्राचार्य हुए फेल
संशोधन का खेल इस तरह चला कि स्नातकोत्तर प्राचार्यों (पीजी) को हटाकर (यूजी) स्तर के प्राचार्यों को बैठा दिया गया। इनमें डॉ. समरेंद्र सिंह को शासकीय कॉलेज अटारी रायपुर से हटाकर शासकीय कॉलेज पिपरिया, कवर्धा में पदस्थ कर दिया गया। इसी तरह डॉ. राधाबाई शासकीय नवीन कन्या पीजी कॉलेज रायपुर के प्राचार्य डॉ. सीएल देवांगन को हटाकर श्री कुलेश्वर महादेव शासकीय कॉलेज गोबरा, नवापारा रायपुर भेज दिया गया। जबकि 10 दिन पहले इस कालेज में डॉ. प्रीति मिश्रा को पदोन्नति के बाद पदस्थापना मिली थी। उन्हें अब नजदीक राधाबाई कॉलेज, रायपुर में बैठा दिया गया। पीजी प्राचार्यों की जगह यूजी प्राचार्यों का बैठा दिया गया है।
प्राचार्य बने पर नहीं हिली कुर्सी
प्रदेश के कई कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य हैं। पदोन्नति के बाद भी कई प्राचार्यों को कॉलेजों में नहीं भेजा गया। इनमें सबसे अधिक चर्चा डॉ. प्रदीप कुमार शुक्ला की है जो कि दो दशक से प्रशासन अकादमी निमोरा में जमे हुए हैं। ये अर्थशास्त्र के प्राध्यापक हैं, लेकिन अर्थशास्त्र को छोड़कर मनोविज्ञान, प्रबंधशास्त्र एवं मनोविज्ञान जैसे विषयों के अध्यापन कार्य कराते हैं।
चर्चा है कि कुछ लोगों ने ये भी आपत्ति कराई है कि वाट्सएप से वीडियो लेक्चर शामिल करके पढ़ाते हैं। वर्तमान में प्रशासन अकादमी में विधि, मनोविज्ञान के प्राध्यापक उपलब्ध हैं तो इनकी सेवा की आवश्यकता नहीं है। अर्थशास्त्र पढ़ाने के लिए विधि विभाग के विशेषज्ञ आते हैं। प्राचार्य के अभाव में कॉलेज सूने पड़े हैं। अब देखना है कि इनका संशोधन आदेश कब निकलता है।
छत्तीसगढ़ कॉलेज में तपेश, साइंस कालेज में बैनर्जी बने प्राचार्य
छत्तीसगढ़ कालेज के प्राचार्य डा. अमिताभ बैनर्जी को साइंस कॉलेज रायपुर का प्राचार्य बनाया गया है। जबकि पदोन्नति के बाद प्राचार्य बने डा. तपेश चंद्र गुप्ता को छत्तीसगढ़ कॉलेज का प्राचार्य बनाया गया है। नवीन शासकीय कॉलेज सकरी, बिलासपुर के प्राचार्य प्रवीण पांडेय को शासकीय ई.राघवेंद्र राव पीजी साइंस कॉलेज, बिलासपुर में प्राचार्य बनाया गया है। डा. रूबी मल्होत्रा को नवीन शासकीय कॉलेज सकरी, बिलासपुर और डा. अभया रा. जोगलेकर को शासकीय मॉडल यूजी कॉलेज, अटारी रायपुर का प्राचार्य बनाया गया है।
भूपेश सरकार में उछला था पदस्थापना घोटाला
कांग्रेस की भूपेश सरकार में स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के बाद पदस्थापना घोटाले का मामला उछला था। सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना में हुए भ्रष्टाचार का मामला उछला था। विभाग ने 2,723 उन शिक्षकों की पदस्थापना आदेश को निरस्त कर दिया था।
विभाग ने भारी लेनदेन करके पदस्थापना करने के आरोप में रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बिलासपुर के संयुक्त संचालकों समेत 12 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित भी किया था। इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। उस समय विपक्ष में रहे भाजपा ने भी पदास्थापना घोटाले का आरोप लगाकर भूपेश सरकार को घेरा था।