“महाकाल मंदिर के गर्भगृह में होली पर लगी आग, 1500 डमरू वादन से बना था विश्व रिकॉर्ड”
उज्जैन । साल 2024 के दौरान उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में कुछ ऐसी घटनाएं हुई, जो भक्तों को उम्र भर याद रहेंगी। इसमें एक बड़ा घटनाक्रम था होली के अवसर पर महाकाल मंदिर में लगी आग।
महाकाल मंदिर में 25 मार्च को होली पर भस्म आरती में भगवान महाकाल के साथ होली खेलते समय केमिकल युक्त गुलाल के उपयोग से आग लग गई थी। इस घटना में मंदिर के पुजारी, पुरोहित व उनके सेवक झुलस गए थे।
उपचार के दौरान एक सेवक की मौत भी हुई थी। मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई थी। हालांकि अब तक रिपोर्ट सामने नहीं आई है। मंदिर में वर्ष 2024 की यह सबसे दुखद घटना थी।
एक साथ 1500 डमरू वादन का विश्व रिकॉर्ड बना
- महाकाल मंदिर में वर्ष 2024 के यादगार लम्हों में खुशी के पल भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर 5 अगस्त को डमरू वादन का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया।
- उज्जैन के भस्म रमैया भक्त मंडल के साथ भोपाल से आए डमरू वादकों ने एक साथ 1500 डमरू बजाकर विश्व कीर्तिमान रच दिया। इससे पहले सर्वाधिक 488 डमरू बजाने का विश्व रिकार्ड न्यूयार्क की संस्था फेडरेशन आफ इंडियन एसोसिएशन के नाम था।
उज्जैन में स्थापित हुई विश्व की पहली वैदिक घड़ी
29 फरवरी को उज्जैन में विश्व की पहली वैदिक घड़ी स्थापित की गई। वैदिक घड़ी की स्थापना उज्जैन नगर निगम द्वारा एक करोड़ 47 लाख रुपये खर्च कर बनाए टावर पर की गई है। यह घड़ी 30 मुहूर्त के साथ भारतीय मानक समय और तापमान भी बता रही है। इसके बैकग्राउंड में देश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों की तस्वीर देखने मिल रही है।
टावर पर अगले चरण में टेलीस्कोप स्थापित किया जाना है। टावर के कक्षों का उपयोग खगोल विज्ञान आधारित संग्रहालय के रूप में किए जाने की भी योजना है। तैयारी यह है कि इस वैदिक घड़ी को जल्द ही कोई भी एप डाउनलोड कर अपने मोबाइल और हाथ की घड़ी में भी देख पाएंगे।