नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता स्मृति ईरानी ने दावा किया कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए एक नया दृष्टिकोण अपना रहे हैं. हाल ही में एक पॉडकास्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जब वह (राहुल गांधी) जाति के बारे में बात करते हैं, तब वह संसद में सफेद टी-शर्ट पहनते हैं. उन्हें पता होता है कि इससे युवाओं में किस तरह का मैसेज जाता है.”
स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी खास लोगों को टारगेट करने के लिए सोची-समझी चालें चल रहे हैं. उन्होंने उनकी रणनीतियों को कमतर आंकने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, “हमें उनके कार्यों के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए – चाहे वह अच्छे, बुरे या अपरिपक्व लगें – वे अलग स्टाइल की राजनीति कर रहे हैं.”
वोटर्स को जोड़ने में नाकाम
अमेठी से बीजेपी की पूर्व सांसद ने कांग्रेस के पिछले प्रयासों की आलोचना की, जैसे कि चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी द्वारा प्रमुख मंदिरों में जाना.स्मृति ईरानी ने तर्क दिया कि ये प्रयास मतदाताओं से जुड़ने में विफल रहे और उन्हें संदेह के साथ देखा गया. उन्होंने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी की हालिया राजनीतिक सफलता इन असफल रणनीतियों से दूर रहने से उभरी है.
ईरानी ने पॉडकास्ट के दौरान कहा, “राहुल गांधी को मंदिर जाने से कोई फायदा नहीं मिला. यह मजाक का विषय बन गया. कुछ लोगों को यह धोखा लगा. इसलिए जब यह रणनीति काम नहीं आई, तो उन्होंने फायदा उठाने के लिए जाति के मुद्दों का सहारा लिया.”
स्मृति ईरानी और राहुल गांधी पुराने प्रतिद्वंद्वी
स्मृति ईरानी और राहुल गांधी के बीच राजनीतिक टकराव और पब्लिश एक्सचेंज के कारण विवादपूर्ण संबंध रहे हैं. 2014 में यह प्रतिद्वंद्विता और बढ़ गई जब ईरानी गांधी परिवार के गढ़ अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में गांधी के खिलाफ खड़ी हुईं. हालांकि, वह 2014 में हार गईं, लेकिन उन्होंने 2019 में बाद के चुनावों में जीत हासिल की.
इस साल जुलाई में राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी के चुनाव हारने पर किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के खिलाफ अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल की निंदा की और पार्टी कार्यकर्ताओं से सम्मानजनक संवाद का आह्वान किया.