विधानसभा चुनाव 2024: कश्मीर घाटी में सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किए गए अर्धसैनिक बल
श्रीनगर: चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. ये चुनाव तीन चरणों 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे. वहीं, चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.
बता दें, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव 2024 होने जा रहे हैं. पिछली बार 2014 में यहां चुनाव हुए थे. ताजा जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में करीब 300 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को तैनात किया है. अधिकारियों के अनुसार, यह कदम आगामी चुनावों में राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है.
राज्य के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि घाटी के भीतर कई रणनीतिक स्थानों पर तैनाती की गई है और यह सुरक्षित चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा, कि श्रीनगर की व्यस्त सड़कों से लेकर कुपवाड़ा के दूरदराज के कोनों तक, जिसमें हंदवाड़ा, गंदेरबल, बडगाम, बारामूला, बांदीपोरा, अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, अवंतीपोरा और कुलगाम जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं, चुनाव के दौरान किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि तैनात बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सहस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की इकाइयां शामिल हैं. इनमें से प्रत्येक इकाई भीड़ नियंत्रण, आतंकवाद विरोधी अभियानों और कानून व्यवस्था बनाए रखने में दक्ष हैं.
घाटी में तैनाती के बारे में अधिक जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में सबसे अधिक सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. वहीं, शहर भर में 55 कंपनियां तैनात की गई हैं. अनंतनाग में 50 कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि कुलगाम को 31 कंपनियां आवंटित की गई हैं. बडगाम, पुलवामा और अवंतीपोरा जिलों में से प्रत्येक को 24 कंपनियां मिली हैं.
अन्य जिलों को भी सुरक्षित किया गया है. शोपियां में 22 कंपनियां, कुपवाड़ा में 20, बारामुल्ला में 17, हंदवाड़ा में 15, बांदीपुरा में 13 और गंदेरबल में 3 कंपनियां तैनात की गई हैं. ये तैनातियां घाटी में संतुलित सुरक्षा उपस्थिति प्रदान करने के लिए की गई हैं.