मध्यप्रदेश

रिश्वतखोर कृषि विपणन बोर्ड के सब-इंजीनियर को चार साल की सजा, इतने रुपये लेते हुए पकड़ाया था

न्यालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर आलोक मिश्रा की अदालत ने रिश्वत के आरोपी मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड सागर के उपयंत्री नारायण सिंह राजपूत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया है। इस पर आरोपी को चार साल की सजा तथा 10 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। सागर लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी सब-इंजीनियर को एक ठेकेदार से 26 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।

अभियोजन के अनुसार, लोकायुक्त पुलिस में फरियादी राकेश राय बीना ने शिकायत की थी। इसमें राकेश राय के द्वारा मंडी बोर्ड निधि से राहतगढ़ क्षेत्र में सड़क निर्माण कराया गया था, जिसकी परफॉर्मेंस सिक्योरिटी की दो लाख 57 हजार रुपये राशि की एफडी छुड़वाई जानी थी। यह राशि सुरक्षा के तौर पर पांच साल जमा रहती है, जिसका समय पूरा हो चुका था। इसी एफडी को तुड़वाने के लिए उपयंत्री नारायण सिंह राजपूत द्वारा 10 फीसदी के हिसाब से रिश्वत मांगी गई थी। लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर बीएम द्विवेदी और निरीक्षक कमलेंद्र सिंह कर्चुली ने 12 जनवरी 2021 को कृषि विपणन बोर्ड के मकरोनिया स्थित कार्यालय में उपयंत्री नारायण सिंह को राकेश राय से 26 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

न्यायाधीश आलोक मिश्रा की अदालत ने प्रकरण के समस्त तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत अभियुक्त नारायण सिंह राजपूत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा सात के अन्तर्गत चार वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा करने में व्यतिक्रम की दशा में छह महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाए।

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