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श्रीजेश को शानदार विदाई देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने की ‘सरपंच साहब’ की तारीफ,

पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन मिलाजुला रहा। भारत ने इन खेलों में एक रजत और पांच कांस्य पदक समेत कुल छह पदक जीते। देश लौटने के बाद भारतीय एथलीट्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात भी की। सभी एथलीट्स प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां पीएम ने उन्हें संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम से भी बातचीत की और उनकी तारीफ की। साथ ही पीएम ने संन्यास ले चुके भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश से सवाल जवाब भी किए। इस दौरान पीएम मोदी ने कप्तान हरमनप्रीत सिंह, जिन्हें सरपंच साहब नाम से भी बुलाया जाता है, उनकी जमकर तारीफ की। कमेंटेटर सुनील तनेजा ने हरमनप्रीत का सरपंच नाम काफी प्रसिद्ध कर दिया है।

पीएम मोदी ने श्रीजेश से पूछा- आपने रिटायर होने का मन पहले ही बना लिया था या फिर बाद में? इस पर श्रीजेश कहते हैं- पिछले कुछ वर्षों से सोच रहा था। मेरे टीम वाले पूछ रहे थे कि बता दे भाई कब छोड़ेगा। 2002 में मैं पहली बार कैंप में गया और 2004 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जूनियर टीम के साथ, तब से मैं खेलता आ रहा हूं और 20 साल से अपने देश के लिए खेल रहा हूं तो एक अच्छा प्लेटफॉर्म से संन्यास लेना है। ओलंपिक एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है, जहां दुनियाभर के खेलों का मेला लगता है। मुझे इससे अच्छा मौका मिलता नहीं तो इसलिए ही निर्णय ले लिया

इसके बाद पीएम मोदी कहते हैं, ‘ये टीम आपको मिस तो करेगी ही करेगी, लेकिन इस टीम ने आपकी विदाई शानदार की। ये पूरी टीम को बधाई है। सरपंच साहब ने अच्छा काम किया।’ इसके बाद श्रीजेश कहते हैं- सच में, क्योंकि हम इसका सपना ही देख सकते थे। हमलोग जब सेमीफाइनल हार गए थे तो हमारे लिए थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि ये टीम जब पेरिस गई थी तो हमने उम्मीद ये की थी कि हम पेरिस में फाइनल खेलेंगे और ये टीम स्वर्ण पदक के लायक है। जब सेमीफाइनल हार गए थे, तो थोड़ा दर्द हुआ था सबको, लेकिन जब आखिरी मैच खेलने उतरे तो सभी ने कहा कि ये मैच श्रीजेश भाई के लिए जीतना है, तो मेरे लिए तो सबसे गर्व की बात तो यही है कि 17 साल जो मेहनत मैंने भारत के लिए किया, इन साथियों ने मेरा साथ दिया और खासतौर पर ये मेरे लिए गर्व की बात है कि उस पोडियम पर अपनी टीम को खड़ा हुआ देख पाया।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम से पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद थी, स्वर्ण तो नहीं आया, लेकिन भारतीय टीम कांस्य पदक को बरकरार रखने में कामयाब रही है। भारत ने टोक्यो 2020 में 41 साल का पदक का सूखा समाप्त किया था और मनप्रीत सिंह की अगुआई में कांस्य पदक जीता था। अब तीन साल बाद भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीता है। भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन को 2-1 से हरा दिया। इससे पहले सेमीफाइनल में भारत को जर्मनी के हाथों 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत ने 1980 में मॉस्को ओलंपिक के बाद से इन खेलों में अब तक स्वर्ण नहीं जीता है। ओलंपिक में जिस खेल में भारत को सबसे ज्यादा सफलता मिली है वो हॉकी ही है। भारत अब तक हॉकी में कुल 13 पदक जीत चुका है जिसमें आठ स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते हैं। इससे पहले 1968 और 1972 में ऐसा हुआ था।

 

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