नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में चार दिन पहले खुले कच्चापाल पुलिस कैंप से जवानों को बारूदी विस्फोट से उड़ाने की नक्सली साजिश नाकाम कर दी गई है। जमीन के अंदर मौत का सामान देखकर पुलिस भी हैरान है। यहां कदम- कदम में बिछा रखे थे 75 किलो के 15 बम, जिन्हें बरामद कर नष्ट कर दिया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के बाद नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत नक्सलियों के कोर इलाके में कैंप खोलकर जवान डटे हुए हैं। दंतेवाड़ा में नक्सलियों के बारूद से एक ग्रामीण की मौत के बाद नक्सलियों के द्वारा ग्रामीणों को जंगल और पहाड़ियों में नहीं जाने का फरमान जारी किया गया है। नक्सली हिदायत के बाद इलाके में सर्च अभियान बहुत ही तेज गति से किया जा रहा है। जिसके चलते बस्तर के इतिहास में पहली बार पुलिस के जवानों को जमीन के अंदर दफन पांच पांच किलो के 15 नग आईईडी बरामद हुआ है।
अबूझमाड़ के कच्चापाल की पहाड़ियों में मिले बम से पुलिस भी हैरान है। दो दिन पहले इसी जगह पर डीआरजी के दो जवान आईईडी की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनका रायपुर में उपचार किया जा रहा है। मौके पर बीडीएस टीम पहुंचकर सुरक्षा बलों के मदद से सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए अलग- अलग स्थानों पर श्रृंखलाबद्ध तरीके से लगाए गए 15 नग आईईडी बरामद किया गया। जिसका अनुमानित वजन करीब 05-05 किलोग्राम है, जिसे सुरक्षित तरीके से मौक पर नष्टीकरण किया गया।
नुकसान पहुंचाने की थी साजिश
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस के द्वारा क्षेत्र में लगातार सघन नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में नवीन कैम्प कच्चापाल से डीआरजी, बीएसएफ 135वीं वाहिनी के संयुक्त बल की टीम नक्सल विरोधी अभियान पर ग्राम तोक-मुसेर की ओर रवाना हुई थी। सुरक्षा बल जब कच्चापाल-तोके क्षेत्र के एरिया का सचिंग करते जा रहे थे, तभी सचिंग के दौरान यह पता चला कि कच्चापाल-तोके के बीच पहाड़ी में माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों को जान से मारने और गंभीर नुकसान पहुंचाने की नीयत से पूर्व से श्रृंखलाबद्ध तरीके से आईईडी लगाई गई है। सुरक्षा बलों को उक्त आईईडी के दिखने पर अपनी बेहतर सूझबूझ से घटना स्थल की घेराबंदी कर तत्काल बीडीएस टीम को बुलाया गया।