डोकलाम के नज़दीक चीन ने बसाए गांव, सेटेलाइज इमेज से खुलासा
दिल्ली। डोकलाम के नज़दीक भूटान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित आठ गांव रणनीतिक रूप से एक घाटी या रिज पर स्थित हैं। जो चीन के दावे वाली घाटी को देखती है। सैटेलाइट इमेजरी से इस बात का खुलासा हुआ है। सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, चीन ने पिछले आठ वर्षों में पारंपरिक रूप से भूटान का हिस्सा रहे क्षेत्र में कम से कम 22 गांव और बस्तियां बनाई हैं। जिनमें से आठ गांव 2020 से रणनीतिक डोकलाम पठार के नज़दीक के क्षेत्रों में बसे हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पर्यवेक्षकों और शोधकर्ताओं द्वारा खोजे गए 22 गांवों में से सबसे बड़ा जिवु, पारंपरिक भूटानी चरागाह भूमि पर बना है जिसे त्सेथांगखा के नाम से जाना जाता है भी पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। इन गांवों के स्थान ने नई दिल्ली में चीन पर नज़र रखने वालों को चिंतित कर दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि इस रणनीतिक क्षेत्र में चीनी स्थिति के मजबूत होने से सिलीगुड़ी कॉरिडोर या तथाकथित ‘चिकन नेक की भेद्यता बढ़ सकती है, जो भारत की मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाली भूमि का एक संकीर्ण खंड है।
डोकलाम 73 दिनों के गतिरोध का स्थल
डोकलाम 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों के गतिरोध का स्थल था। जब नई दिल्ली ने सड़क और अन्य सुविधाओं के निर्माण को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था, जिससे चीन को पठार के सबसे दक्षिणी हिस्से तक पहुंच मिल जाती। हालांकि गतिरोध के अंत में दोनों पक्षों की अग्रिम पंक्ति की सेनाएं इस क्षेत्र से पीछे हट गईं, लेकिन चीन सीमा क्षेत्र के पास अपना निर्माण जारी रखा। सेटेलाइज इमेज रिपोर्ट इस बात का खुलासा हुआ है।