संभल के बाद काशी में बंद मिला 70 साल पुरान शिव मंदिर, सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स तैनात
बनारस। संभल के बाद बनारस के मदनपुरा मुस्लिम बहुल इलाके में 70 साल से बंद शिव मंदिर की जानकारी होने पर हिंदू संगठन और मीडिया जुटने लगी। जिला प्रशासन के अफसरों को जानकारी हुई, तो मौके पर पहुंचकर मोर्चा सम्हाला और सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स को तैनात किया है। मंदिर की जानकारी होने पर मदनपुरा पहुंची भीड़ ने शंखनाद और हर हर महादेव का उद्घोष किया। स्थानीय लोगों ने इस आपत्ति की तो वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया। मंदिर के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की लेकिन वह कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि मंदिर काफी पुराना है। 70-75 साल पहले भी उन्होंने मंदिर को इसी हालत में देखा था।
दोपहर में सनातन रक्षा दल के अजय शर्मा के नेतृत्व में आधा दर्जन महिलाओं ने वहां पहुंचकर शंखनाद किया और हर हर महादेव का उद्घोष किया। आसपास के लोगों ने इसका सख्ती से विरोध किया। उनका कहना था कि नई परंपरा बनाकर क्षेत्र की स्थिति तनावपूर्ण न की जाए। महिलाओं की ओर से कुछ लोग आ गए। इससे स्थित तनावपूर्ण हो गई। इसकी जानकारी होते ही डीसीपी काशी गौरव बंशवाल भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मंदिर के आसपास मौजूद भीड़ को वहां से हटवा दिया। क्षेत्र की दुकानों को भी बंद करा दिया। मंदिर के आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को बातचीत करके उनसे संयम बरतने को कहा। उनके साथ एडीएम सिटी आलोक वर्मा भी रहे। उन्होंने मंदिर व आसपास के स्थलों का निरीक्षण किया।
उनका कहना है कि देखने में इमारत का स्वरूप मंदिर जैसा है। यह जिस भूमि पर बना है इस पर किसका स्वामित्व है यह रिकार्ड देखने पर पता चलेगा। इसमें तीन-चार दिन का वक्त लगेगा। उनका कहना है कि अगर यह मंदिर है तो उस पर किसी का निजी स्वामित्व नहीं होता है। यह सार्वजनिक संपत्ति घोषित होती है तो उसमें दर्शन-पूजन का सभी को अधिकार मिलेगा। वहीं डीसीपी काशी गौरव बंशवाल का कहना है कि मौके पर फोर्स तैनात कर दी गई है। मंदिर का ताला खोलने जैसी अभी कोई बात नहीं है। वहां मौजूद मकानों व जमीन के अभिलेखों की जांच की जाएगी।
सनातन दल के अध्यक्ष ने की ताला खोलने की मांग
मंदिर के बारे में पुलिस को जानकारी देने वाले सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि मुस्लिम बहुल इलाके में मंदिर सालों से बंद पड़ है। वह चाहते हैं कि मंदिर के दरवाजे पर लगा ताला खोला जाए और उनको समेत अन्य लोगों को वहां पूजा-पाठ करने का अधिकार दिया जाए। मनदपुरा के गोल चबूतरा के पास मौजूद मंदिर का दरवाजा सालों से बंद पड़ा है। 60-70 साल के स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने बचपन से मंदिर को बंद ही देखा है।
मंदिर का आकार एक शिव मंदिर का है। बाहरी आकार को देखकर इसकी गुंबद की आकृति शिव मंदिर की ही लगती है। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि यह एक बंगाली परिवार का मकान था जिसे दशकों पहले उसने मुस्लिम व्यापारी को बेच दिया था। वर्तमान में वहां साड़ी की गद्दी है और कुछ लोग रहते भी हैं। उसी मकान के पूर्वी भाग में यह मंदिर स्थित है।
सिद्धीश्वर महादेव का मंदिर व सिद्धेश्वर कूप
सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का दावा है कि काशीखण्ड में वर्णित है कि पुष्पदन्तेश्वर से अग्निकोण पर देवता और ऋषिगण के स्थापित बहुतेरे लिंग विराजमान हैं। उक्त पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण में ( मदनपुरा में बंद पड़ा यह मंदिर ) परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर महादेव का मंदिर है। यदि कोई उनकी पंचोपचार से पूजा करे, तो उसे वे स्वप्न में परमसिद्धि को जता देते हैं। वही समीप में सिद्धतीर्थ कूप भी विद्यमान है । (जिसे लोग गोल चबूतरा बोलते वह कूप तीर्थ है।) उनका कहना है कि देवनाथपुरा से मदनपुरा तक देवनाथपुरा-मदनपुरा के बीच काशी के 18 पौराणिक शिव मंदिरों के लुप्त हुए हैं। उनकी मांग है कि लुप्त हुए मंदिरों की जांच कराकर उनमें पूजा-पाठ आरंभ किया जाना चाहिए।