बेटों ने 88 साल की मां को गला दबाकर मार डाला था, अब पोता बोला- ‘अस्थियां विसर्जित करने का समय नहीं मिला, जब करना होगी कर देंगे’
ग्वालियर। बेटा मेरा क्या कसूर था…मैं बूढ़ी ही तो थी, वो तो तुम भी होगे। माना…मैं चलने-फिरने में असमर्थ हो गई थी, माना…मैं खूब गंदा करती थी, लेकिन बेटा…शायद तुम्हें याद भी न हो, जब तुम छोटे थे, तब न जाने किस-किस तरह की परेशानियों से लड़कर तुम्हें इतना बड़ा किया। तुम भी तो बचपन में गंदा करते थे…लेकिन मैं तो हंसते-हंसते इसे साफ करती थी। तुम्हें मेरी असहाय स्थिति पर जरा भी तरस नहीं आया, ऐसे पत्थर दिल हो गए…मुझे मारने में तुम्हें जिंदगी का सुख-चैन नजर आया।
यह कुछ सवाल हैं…जिनके जवाब दुनिया से विदा होने के बाद भी शायद 88 वर्षीय कमला कोष्ठा को नहीं मिले। जीते-जी तो दोनों बेटे डालचंद और प्रेमनारायण ने उन्हें बेसहारा छोड़ा ही। जब गला दबाकर इन्हें मार दिया गया, अंतिम संस्कार के बाद अब इनकी अस्थियां लावारिस पड़ी हैं। अस्थियां बाट जो रही हैं, शायद कह भी रही हैं…जीते-जी तो सब ने मुंह मोड़ा, मरने के बाद अस्थियां भी इसी हाल में छोड़ दीं।
पोती बोला- अस्थियां विसर्जित करने का समय नहीं मिला
- कमला कोष्ठा के दोनों बेटे डालचंद और प्रेमनारायण उर्फ पप्पू जेल में हैं। डालचंद का बेटा रोहित आगरा में रहकर नौकरी करता है, जबकि छोटा बेटा आकाश यहीं रहता है। छोटे बेटे प्रेमनारायण की दो बेटी, एक बेटा है।
- रोहित से बात की, उससे जब पूछा कि कमला के अंतिम संस्कार के बाद अस्थि विसर्जन हुआ या नहीं तो वह बोला कि अस्थि विसर्जन का समय नहीं मिला। जब करना होगा कर देंगे।
- फिर वह बोला कि यह घटना जिन परिस्थितियों में हुई, उन्हें नहीं पता। जिन्होंने अपराध किया जेल जा चुके हैं, अब वह लोग सजा भुगत रहे हैं। जिन्होंने अपराध किया, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। लेकिन पूरा परिवार बेहद परेशान है।
इंटरनेट मीडिया पर फूट रहा लोगों का गुस्सा
इस घटना के बाद इंटरनेट मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है। शहर के कई लोगों ने इस मामले में प्रकाशित की गई खबरों की कटिंग फेसबुक, इंस्टाग्राम पर साझा कर इस घटना की निंदा की। साथ ही आरोपित बेटों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की।
…मां के हत्यारों को दिलाई जा सके सजा
इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और जेल भेज दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है- इस घटना को चिन्हित अपराध की श्रेणी में रखेंगे। इस घटना के अकाट्स साक्ष्य जुटाना सबसे पहली प्राथमिकता है। जिससे साक्ष्यों के अभाव में मां के हत्यारे बच न सकें।
तकनीकी, वैज्ञानिक साक्ष्यों को एकत्रित कर डायरी में शामिल करेंगे। समय सीमा में विवेचना पूरी कर चालान पेश करेंगे। जिससे कोर्ट में जल्द ही ट्रायल पूरी हो और आरोपियों को सजा दिलाई जा सके।
मोहल्ले वाले बोले…हम नहीं रखेंगे संबंध
आसपास रहने वाले लोगों ने वृद्धा को दी गई प्रताड़ना आंखों से देखी है। इसलिए लोगों का कहना है कि ऐसे हैवानों से बात तक नहीं करेंगे। लोगों का कहना है कि हम इनसे अब संबंध नहीं रखेंगे।