छ.ग. में पद्म विभूषण से सम्मानित तीजन बाई का नहीं हो रहा सम्मान, 8 महीने से नहीं दिया जा रहा पेंशन, इलाज के लिए तक पैसे नहीं
रायपुर। पंडवानी गायन से छत्तीसगढ़ और भारत का नाम रोशन करने वाली पद्म विभूषण से सम्मानित लोकगायिका तीजन बाई पिछले दो वर्षों से गंभीर बीमारियों और लकवाग्रस्त स्थिति का सामना कर रही हैं। 78 वर्षीय तीजन बाई शारीरिक अस्वस्थताओं से जूझ रही हैं, साथ ही इन दिनों मुफलिसी के दौर से भी गुजर रही हैं। हाल ही में वे चर्चा में आईं जब उन्होंने संस्कृति विभाग रायपुर में एक आवेदन सौंपा. इसमें उन्होंने अपनी बीमारी के इलाज के लिए 88,000 रुपए की सहायता राशि और पेंशन जल्द से जल्द जारी करने की अपील की है।
आर्थिक संकट और पेंशन की अड़चन
असल में तीजन बाई ने बताया कि उनका स्वास्थ्य इतना खराब है कि वे न चल पाती हैं और न बोलने में सक्षम हैं। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि वे अपने इलाज और दवाइयों के लिए भी संघर्षरत हैं। उनके बहू ने उनकी ओर लिखे आवेदन पर उनके अंगूठे से हस्ताक्षर करवाए और फिर इस आवेदन को आगे बढ़ाया है। दुर्ग की कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने बताया कि तीजन बाई की पेंशन में खाता संबंधित समस्या आई थी, जिसे जल्द ही हल कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है।
जानकारी के मुताबिक तीजन बाई ने 13 सितंबर को भी कलेक्टर को सहायता राशि और पेंशन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन वह संस्कृति विभाग, रायपुर तक नहीं पहुंचा. उन्होंने उस आवेदन में अपनी गंभीर स्थिति और परिजनों की आर्थिक असमर्थता का जिक्र किया था.संस्कृति विभाग के नियमों के तहत ख्यात लोक कलाकारों को 2,000 रुपए मासिक पेंशन और इलाज के लिए 25,000 से 50,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. लेकिन तीजन बाई का यह हक भी अभी तक उन्हें नहीं मिला है।