दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर लगातार एक्टिव है. सरकार इस पर लगातार काम भी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि सरकार जारी संसद के शीतकालीन सत्र में ही ‘एक देश एक चुनाव’ से संबंधित बिल ला सकती है. सरकार से जुड़े सूत्रों का मानना है कि इस बिल पर विस्तृत चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भी भेजा जा सकता है. सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम राय बनाई जाए. इसके लिए सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा कराई जाएगी. जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी. साथ ही, सभी राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों को भी बुलाया जा सकता है. देश भर के प्रबुद्ध लोगों के साथ ही सिविल सोसायटी की भी इस संबंध में राय ली जाएगी.
सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान सितंबर 2023 में इस महत्वाकांक्षी योजना पर आगे बढ़ने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था. कोविंद समिति ने अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को अपनी सिफारिश सौंप दी थी. केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया. समिति की ओर से अपनी रिपोर्ट में 2 चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की गई.