छत्तीसगढ

बिलासपुर में डीएड के अभ्यर्थियों ने न्याय यात्रा निकालकर की नियुक्ति देने की मांग,तहसीलदार के हाथों मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर। सहायक शिक्षक भर्ती 2023 के विज्ञापन के बाद से ही डीएड और बीएड अभ्यर्थियों के बीच विवाद चल रहा था। इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने डीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में अंतिम निर्णय देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को छह सप्ताह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद छह महीने बीतने के बाद भी डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

न्यायालय के आदेशों की अनदेखी
अभ्यर्थियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त 2024 को बीएड धारकों की याचिका खारिज कर डीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बावजूद आज तक छत्तीसगढ़ सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे डीएड अभ्यर्थी मानसिक रूप से पीड़ित होकर सड़कों पर उतर आए हैं और नियुक्ति की गुहार लगा रहे हैं।
न्याय के बाद भी हक से वंचित
डीएड अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने सालभर से न्यायालय में लड़ाई लड़ी और अब भी नियुक्ति के लिए सड़कों पर खड़े हैं। वे सरकार के सुशासन पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर न्यायालय के आदेश के बावजूद उनका हक क्यों नहीं मिल रहा है।
6,500 पद है खाली
अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रदेश में तकरीबन 6,500 सहायक शिक्षक के पद खाली है। कोर्ट के फैसले के बाद 3000 पदों में नियुक्ति अवैध करार दी है। डीएड अभ्यर्थियों ने अपनी इस न्याय यात्रा के माध्यम से सरकार और विभाग से तत्काल नियुक्तियों की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि वे न्यायालय के आदेश के बाद भी अपने हक से वंचित हैं, जिससे उनके भविष्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
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