करवा चौथ पर बेसब्री से रहेगा चांद का इंतजार, जानिए आपके शहर में कब होगा चंद्रोदय
इंदौर । करवा चौथ की तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 20 और 21 अक्टूबर, दोनों दिन है, लेकिन व्रत 20 अक्टूबर रविवार को रखा जाएगा।
इस दिन सुहागिन महिलाओं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए कठिन व्रत रखती हैं। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम में चंद्रमा के दर्शन किए जाते हैं। छलनी में पति का चेहरा देखा जाता है। पूरा परिवार मिलकर चंद्रमा की पूजा करता है और फिर व्रत खोला जाता है।
करवा चौथ पर जैसे-जैसे रात करीब आती है, सभी की नजर आसमान की तरफ टिक जाती है। हर कोई चंद्रमा के दर्शन करना चाहता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा का उदय कब होगा? पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के दिन शाम 7 बजकर 55 मिनट पर चंद्रोदय होगा। हालांकि अलग-अलग शहरों में यह समय थोड़ा अलग हो सकता है। नीचे देखिए विभिन्न शहरों में चंद्रोयग का समय-
- दिल्ली: रात 07:53
- नोएडा: रात 07:52
- मुंबई: रात 08:36
- कोलकाता: रात 07:22
- चंडीगढ़: रात 07:48
- पंजाब: रात 07:48
- जम्मू: रात 07:52
- लुधियाना: रात 07:52
- देहरादून: रात 07:24
- शिमला: रात 07:47
- पटना: रात 07:29
- रांची: रात 07:31
- लखनऊ: रात 07:42
- कानपुर: रात 07:47
- प्रयागराज: रात 07:42
- इंदौर: रात 08:15
- भोपाल: रात 08:07
- अहमदाबाद: रात 08:27
- चेन्नई: रात 08:18
- बेंगलुरु: रात 08:30
- जयपुर: रात 08:05
- रायपुर: रात 07:43
बाजारों में दिखने लगी करवा चौथ की रौनक
करवा चौथ पर्व को लेकर बाजार पूरी तरह गुलजार हो गए हैं। करवा चौथ की तैयारी को लेकर महिलाएं कोई कसर नहीं छोडऩा चाहतीं। यही कारण है कि बाजार में भीड़ उमडऩे लगी है। महिलाएं अभी से खरीददारी में जुट गई हैं।
मेहंदी लगाने वालों व ब्यूटी पालर्स पर एडवांस बुकिंग होने लगी है। सबसे अधिक ग्राहकी कपड़ा बाजार और आभूषण बाजार में हो रही है। हालांकि अभी भी त्यौहार में तीन दिन और शेष हैं। इसके बावजूद बाजार में जिस तरह से भीड़भाड़ दिखाई दे रही है, उससे अनुमान है कि विभिन्न शहरो में प्रतिदिन लाखों रुपये का कारोबार हो रहा है।
खरीददारों की भीड़ सबसे अधिक साड़ियों की दुकानों पर नजर आ रही है। ज्यादातर महिलाएं करवाचौथ के लिए नई डिजाइन की साड़ियां तलाश रही हैं। इसके अलावा सर्राफा बाजार में भी काफी भीड़ है।
आभूषण विक्रेताओं की दुकानों पर स्थिति यह है कि ग्राहकों को बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है क्योंकि सोने और चांदी के जेवर खरीदने में ग्राहक काफी समय लगाता है क्योंकि कीमतें अधिक होने के कारण एक बार पैसा लगाने से पहले कई बार अच्छी तरह से सोचकर ही जेवर खरीदने की मंशा ग्राहक की रहती है।