दीवाली के दिन क्या करें, सुबह से लेकर शाम तक की 15 जरूरी बातें..
दीपावली भारत का महत्वपूर्ण और मनमोहक त्योहार है। यह त्यौहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंगोली से सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं परिवार के साथ समय बिताते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, जिससे चारों ओर एक खुशनुमा माहौल बनता है। ऐसे में कोई काम छूट न जाए, इसलिए आइए बताते हैं दीवाली के दिन सुबस से शाम तक क्या-क्या करें।
सुबह:
दीवाली की सुबह से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। सुबह अपने घरों की सफाई करते हैं और उसे नया रूप देते हैं। इसके बाद, रंगोली बनाना एक पारंपरिक गतिविधि होती है। विभिन्न रंगों से बनी रंगोली दरवाजे के सामने सजावट का काम करती है।
- साफ-सफाई: घर की अच्छी तरह से सफाई करें।
- रंगोली: मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
- दीप जलाना: सुबह के समय भगवान का ध्यान करते हुए दीपक जलाएं।
दोपहर
दोपहर में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह पूजा धन और समृद्धि के लिए होती है। घर के लिए विशेष व्यंजन बनाएं, जिसमें मिठाइयां, नमकीन और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं। पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य मिलकर भोजन का आनंद लें।
- पूजा: देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें।
- प्रसाद तैयार करना: पूजा के लिए मिठाई और फल का प्रसाद तैयार करें।
- परिवार के साथ भोजन: खास व्यंजन बनाकर परिवार के साथ भोजन का आनंद लें।
शाम
शाम को, दीप जलाने का समय होता है। घर के हर कोने में दीपक जलाएं। मुहुर्त के समय देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। प्रसाद बांटें। इसके बाद बारी आती है पटाखों की, जो परिवार के साथ आनंद और उत्साह को बढ़ाता है।
- दीप जलाना: घर के सभी कोनों में दीपक और मोमबत्तियां जलाएं।
- पूजा: देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। प्रसाद बांटें।
- पटाखे: सुरक्षित स्थान पर पटाखे जलाएं।
- गिफ्ट्स: परिवार और दोस्तों को उपहार दें।
- दूसरों के साथ खुशियां बांटना: पड़ोसियों और दोस्तों के साथ मिलकर दीवाली मनाएं।
रात:
दीवाली का असली जादू तब होता है जब लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और खुशियां बांटते हैं। यह दिन केवल व्यक्तिगत खुशी का नहीं, बल्कि सामूहिक एकता का भी प्रतीक है। परिवार, मित्र और पड़ोसी मिलकर इस पर्व को मनाते हैं, जिससे रिश्तों में मजबूती आती है।
- परिवार के साथ समय बिताना: साथ में समय बिताएं, गप्पें करें या फिल्म देखें।
- सामुदायिक उत्सव: अगर संभव हो तो सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लें।