छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज, आंशिक रूप से छाए रहेंगे बादल…
रायपुर। मानसून की विदाई के बाद भी ठंड के आगमन में विलंब हो रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह बंगाल की खाड़ी से नमीयुक्त हवाओं का आगमन है। वहीं, इसकी वजह से प्रदेश में एक दाे स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की आशंका जताई जा रही है। साथ ही एक दाे स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है। साथ ही राजधानी में भी मौसम आंशिक रूप से मेघ्मय रहेगा और देर शाम गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के संकेत हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि छत्तीसगढ़ के सभी संभागों में अगले चार से पांच दिनों तक बादलों और बारिश के हालात बने रहने की संभावना है। इस दौरान हल्की से मध्यम वर्षा होने की उम्मीद है, और कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं। हाल ही में दाना तूफान कमजोर होकर समाप्त हो गया है, लेकिन तटीय ओडिशा में एक ऊपरी हवा का चक्रवात सक्रिय है। इस सिस्टम के प्रभाव से समुद्र से नमी आ रही है, जो 28 से 31 अक्टूबर तक बनी रहेगी।
छत्तीसगढ़ के कई संभागों में बारिश की संभावना
इस नमी के कारण सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग के कई जिलों में हल्की वर्षा होने की संभावना है। अधिकांश स्थानों पर आसमान में हल्के बादल छाए रहने की उम्मीद है, जिससे दिन का तापमान सामान्य स्तर पर बने रहने की संभावना है।
इसी बीच रविवार को राजधानी का मौसम मेघमय रहा और दोपहर के समय हल्के छींटे भी पड़े। इसके अलावा प्रदेश के एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा हुई। सर्वाधिक वर्षा तीन मिमी बलरामपुर जिले के सामरी में हुई। वहीं, प्रदेश में सर्वाधिक तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस दंतेवाड़ा में, जबकि न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस सरगुजा में दर्ज किया गया।
यह बन रहा है सिस्टम
एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण तटीय ओडिशा के ऊपर स्थित है तथा यह 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से प्रदेश में नमी आ रही है। प्रदेश में सोमवार को एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ रहने की संभावना है।