महाकाल मंदिर में वीआईपी ने फिर तोड़े नियम, गर्भगृह में पहुंचे महाराष्ट्र के सीएम..
उज्जैन। महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रतिबंध के बावजूद फिर से वीआईपी को प्रवेश दिया गया। इस बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे, उनकी पत्नी व दो अन्य लोगों ने गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा अर्चना की। गर्भगृह में चारों ने 6 मिनट तक पूजा अर्चना की।
शाम को लगभग 5.30 बजे चारों ने गर्भगृह में प्रवेश किया और पूजा पाठ की। इसका वीडियो भी सामने आया है। गर्भगृह में बीते एक वर्ष से किसी भी श्रद्धालु के प्रवेश पर रोक लगी हुई है। सिर्फ पुजारियों को ही अनुमति है। बावजूद कई वीआईपी बार-बार नियमों को तोड़ रहे हैं।
गर्भगृह निरीक्षक पर कार्रवाई करने की मांग
चारों के गर्भगृह में प्रवेश के दौरान सुरक्षा प्रभारी जयंत राठौर व गर्भगृह निरीक्षक भी साथ थे। तराना विधायक महेश परमार ने वीआइपी के गर्भगृह में प्रवेश पर आपत्ति जताई है। कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष का कहना है कि किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी है। प्रशासक गणेश धाकड़ का कहना है कि गर्भगृह निरीक्षक और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
श्रद्धालुओं के लिए रूट चार्ट लगाएं, जिससे वे भटके नहीं
श्री महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा को लेकर गुरुवार को होमगार्ड डीआइजी उज्जैन पहुंचे थे। यहां मंदिर के सभी प्रवेश द्वार का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा संबंधी बैठक ली। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बीते दिनों मंदिर की सुरक्षा की कमान होमगार्ड जवानों को सौंपने के निर्देश दिए थे। इसके लिए जल्द ही 500 जवानों की भर्ती की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिनों श्री महाकाल मंदिर एवं श्री महाकाल महालोक की सुरक्षा होमगार्ड विभाग सौंपने के निर्दश दिए हैं। इसके लिए जल्द ही 500 नए होमगार्ड जवानों की भर्ती की जाएगी। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए गुरुवार को होमगार्ड एवं एसडीईआरएफ के डीआइजी मनीष अग्रवाल उज्जैन पहुंचे थे।
यहां उन्होंने सबसे पहले मंदिर परिसर एवं महालोक का निरीक्षण कर प्रवेश द्वार सहित सभी एंट्री पाइंट, पार्किंग स्थल, वीआइपी प्रवेश द्वार, मानसरोवर गेट का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की।
डीआईजी ने यह दिए निर्देश
महाकाल कंट्रोल रूम में आयोजित बैठक में डीआईजी न दर्शन व्यवस्था को आर्दश बनाने के लिए रिस्पांस टाइम को कम करना, श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुलभता हो, विभिन्न आपदाओं जैसे, भगदड, आगजनी, आदि को लेकर मंदिर में समय-समय पर माकड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा आपदा के समय जल्द रिस्पांस कर जनहानि रोकने, मंदिर परिसर में नए निमार्ण के अनुसार एसओपी एवं सुरक्षा प्लान बनाने को कहा। महाकाल मंदिर कंट्रोल रूम को और अधिक प्रभावी बनाकर विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने, मंदिर में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के बीच स्पष्ट कार्य विभाजन करने तथा कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश दिए। वहीं दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रूट चार्ट लगाने को भी कहा, जिससे लोग कहीं भटके ना।
सुरक्षाकर्मियों को 10 दिन ट्रेनिंग देने को कहा
डीआईजी ने वर्तमान में महाकाल मंदिर की सुरक्षा में लगे जवानों को उनके व्यवहार, श्रद्धालुओं के प्रति आदर पूर्वक एवं विनम्रता से बात करने के लिए दस दिन ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए। इसके अलावा जवानों को डयूटी पर तैनात करने से पूर्व पूरे मंदिर परिसर का भ्रमण करवाने को भी कहा।
मंदिर को विभिन्न जोन में बांट कर जोन प्रभारी नियुक्त किए जाने व प्रत्येक घंटे में कंट्रोल रूम से सुरक्षा संबंधी अपडेट भी लिया जाए। महाकाल सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सदस्यों से चर्चा के दौरान यह सुझाव भी आया कि कुछ छोटी कस्टमाइज ट्राली का निर्माण कराया जाए, जिनमें दर्शनार्थी के मोबाइल जमा करवाकर उन्हे एक साथ निकास द्वार पर पहुंचा दिया जाए। जिससे श्रद्धालुओं को उनके मोबाइल वहीं मिल सकें।