नागरिक सहकारी बैंक घोटाले के दो आरोपियों का सरेंडर, ज्यादा ब्याज का लालच देकर ठगे थे 9 करोड़..
नेपानगर। नागरिक सहकारी बैंक नेपानगर में हुए करीब नौ करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी बनाए गए दो कर्मचारियों ने बुधवार को जिला न्यायालय में समर्पण कर दिया। आरोपी राकेश जाधव और योगेश महाजन साल 2022 में मामला दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे थे।
इस घोटाले में बैंक के 16 अधिकारी, कर्मचारियों व डायरेक्टर आदि को आरोपी बनाया था। नेपानगर पुलिस दस आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी, जबकि एक आरोपी सुभाष यादव की फरारी के दौरान उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बीमारी से मृत्यु हो गई थी।
इस मामले में बैंक प्रबंधक शैलेष मांडले और विजय शर्मा अब भी फरार हैं। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। 29 दिसंबर 2022 को पांडुरंग सोनवाने ने बैंक से 8.85 लाख रुपये गबन किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शाहपुर निवासी योगेश महाजन पर भी 23 लाख रुपये का गबन करने का आरोप है।
ज्यादा ब्याज का लालच देकर जमा कराई थी राशि
नागरिक सहकारी बैंक के तत्कालीन डायरेक्टर, प्रबंधक आदि ने लोगों को अधिक ब्याज का लालच देकर राशि जमा कराई थी। बैंक में 600 से अधिक लोगों ने चालू खाते, फिक्स डिपाजिट आदि में राशि जमा की थी। कई महीनों तक उन्हें स्कीम के तहत ब्याज भी दिया था, लेकिन बाद में संचालक मंडल व कर्मचारियों ने बैंक की स्थिति खराब होने का हवाला देकर ब्याज की राशि आंशिक रूप से घटानी शुरू कर दी थी।
लंबे समय तक संचालक मंडल के सदस्य व कर्मचारी जमा राशि में हेराफेरी करते रहे। जिसके चलते गबन का आंकड़ा लाखों से करोड़ों में पहुंच गया था। बैंक में राशि जमा कराने वाले अब भी रकम वापस पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।
पुलिस ने छोटे निवेशकों को दिलाई थी राशि
तत्काली एसपी राहुल लोढ़ा ने घोटाले के आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ उनके पास से नकद राशि भी बरामद की थी। इस राशि को बैंक में जमा करा छोटे निवेशकों को उनकी मूल धनराशि लौटाई थी। इनमें पचास हजार रुपये से एक लाख रुपये तक के खाता धारक शामिल थे। कुछ आरोपियों से और भी राशि वसूल की जानी थी, लेकिन उनका तबादला हो जाने के बाद रिकवरी का काम ठंडा पड़ गया था।