जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने की योजना बना रहे ट्रंप, जाने गैर अमरीकी पर इसका क्या पड़ेगा असर
वॉशिंगटन। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नागरिकता के नियमों को बदलना चाहते हैं। चुनाव अभियान केदौरान उन्होंने इसे बदलने का वादा किया था। अब चुनाव जीतने के बाद वो अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर रहे है।
हालांकि, ट्रंप के लिए इस नीति को खत्म करना इतना ज्यादा आसान नहीं होने वाला है, क्योंकि उनके आगे कई चुनौतियां आने वाली हैं। आपको बता दे, कि जन्मसिद्ध नागरिकता का नियम अमेरिका के संविधान में 150 से अधिक वर्षों से निहित है। संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी सीमाओं के भीतर पैदा हुए बच्चों को नागरिकता प्रदान करता है, चाहे उनके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो। हालाँकि, यह जल्द ही बदल जाएगा।
क्या है बर्थराइट सिटिजनशिप का अर्थ
बर्थराइट सिटिजनशिप’ का मतलब है कि अमेरिका में पैदा होने वाला कोई भी शख्स अपने आप अमेरिकी नागरिक बन जाता है। चाहे उस बच्चे के पैरेंट्स अवैध रूप से उस देश में हो या टूरिस्ट-स्टूडेट वीजा पर हो। ऐसे में नियमों का संसोधन होगा, तो जितने लोगों के माता-पिता के पास ग्रीन कार्ड या नागरिकता नहीं होगी, वे नियम खत्म होने पर नागरिकता गंवा सकते हैं।
भारतीयों पर क्या होगा इसका असर
2022 की अमेरिकी जनगणना के प्यू रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, अमेरिका में लगभग 4.8 मिलियन भारतीय-अमेरिकी रह रहे हैं, जिनमें से 34 प्रतिशत या 1.6 मिलियन का जन्म देश में हुआ है। ये व्यक्ति मौजूदा कानून के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं। अगर ट्रंप इस कानून को खत्म कर देते हैं, तो 1.6 मिलियन भारतीय प्रभावित होंगे। हालाँकि, राष्ट्रपति संविधान में संशोधन नहीं कर सकते हैं और इस अधिकार को प्रतिबंधित करने का कार्यकारी प्रयास 14वें संशोधन का उल्लंघन होगा।