मध्यप्रदेश
महाबोधि महोत्सव पर साल में एक बार खुलता है सांची का ये तहखाना, देशभर से जुटते हैं बौद्ध अनुयायी..
रायसेन। जिले की विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सांची में स्थित चैत्यगिरी विहार मंदिर में दो-दिवसीय महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। भगवान गौतम बुद्ध के परम शिष्य महामोदग्लायन और सारिपुत्र की पवित्र अस्थियों की पूजा-अर्चना के साथ महोत्सव की शुरुआत की गई।
महोत्सव में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बौद्ध अनुयायियों का सांची आगमन हो रहा है। इसके लिए सांची को विशेष रूप से सजाया गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल दिखाई दे रहा है। शुभारंभ के अवसर पर सुबह 8 बजे महाबोधि सोसाइटी से शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में वियतनाम, श्रीलंका, जापान, सिंगापुर, अमेरिका से आए बौद्ध धर्म को मानने वाले अनुयायी शामिल हुए।
साल के एक बार में खोला जाता है तहखाना
सांची स्तूप, मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक स्थल, दुनिया भर में प्रसिद्ध है। हर साल के अंत में इसका तहखाना एक बार खोला जाता है, जब भगवान बुद्ध के शिष्य महामोदग्लायन और सारीपुत्र की पवित्र अस्थियां दर्शन के लिए निकाली जाती हैं। शनिवार और रविवार को विशेष पूजा अर्चना होती है, जिसका उद्देश्य शांति और सद्भाव फैलाना है।
मंत्री प्रह्लाद पटेल हुए शामिल
अस्थि कलश की पूजा-अर्चना के इस पवित्र अवसर पर मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने भाग लिया। उनके साथ बौद्ध सोसाइटी के प्रमुख विमल नायक और उपतिस थेरोनायक भी उपस्थित रहे।
महोत्सव के दौरान बौद्ध धर्म से जुड़ी विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेंगे। यह धार्मिक-सांस्कृतिक महोत्सव सांची के बौद्धिक और आध्यात्मिक महत्व को और अधिक बढ़ाने का काम करेगा।