ये संकेत बताते हैं कि आप हैं सुपर स्ट्रेस में, इनसे बचने के आसान हैं तरीके..
नईदिल्ली। स्ट्रेस आजकल के जीवनशैली का एक अभिन्न अंग बन चुका है। स्ट्रेस किसी भी रूप में किसी को भी हो सकता है। हमारे शरीर पर स्ट्रेस कई रूप में दिखता है। हमें ऐसा लगता है कि स्ट्रेस मात्र एक मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर है, लेकिन असल में ये मानव शरीर को हर तरीके से प्रभावित करता है।
पूरा शरीर, दिल और दिमाग अपने तरीके से स्ट्रेस में होने के संकेत देता है। जरूरत है तो इन्हें समझने की और इनके अनुसार अपने जीवनशैली में बदलाव लाने की। तो आइए जानते हैं कि शरीर किस तरह इस बात का संकेत देता है कि आप हैं सुपर स्ट्रेस में…
क्या आप भी महसूस करते हैं ऐसा
शरीरिक लक्षण- सिरदर्द, बदन दर्द, मांसपेशियों में तनाव, माइग्रेन, उल्टी, मितली, पेटदर्द, पेट में ऐंठन या डायरिया। भूख कम या जरूरत से अधिक लगना।
भावनात्मक बदलाव- स्ट्रेस हमारी भावनाओं पर अटैक करता है। इससे मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, एंजाइटी, चिंता, अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शांत होने में या रिलैक्स महसूस करने में समय लग सकता है। हर समय लो मूड और उदासी सी महसूस होती है।
बौद्धिक लक्षण- स्ट्रेस से बौद्धिक क्षमता में कमी होती है। इससे फोकस करने में कमी, निर्णय क्षमता में कमी, भूलने की समस्या बढ़ने लगती है। लगातार चिंता और दिमाग में तेजी से आते विचार बौद्धिक क्षमता को कम करते हैं।
व्यवहारिक बदलाव- किसी काम में आपकी प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है। आप आसानी से चौंक जाते हैं या डर कर कांपने लगते हैं। अपनी पर्सनल केयर का ख्याल नहीं रखते। नाखून चबाते हैं। हर बात पर चिड़चिड़ा जाते हैं या ओवर रिएक्ट करते हैं।
आध्यात्मिक बदलाव- भगवान पर भरोसा कम होने लगता है। पूजा पाठ या तीज त्योहार में मन नहीं लगता है। जीवन के सकारात्मक पहलुओं को इग्नोर करते हैं और अपने जीवन का लक्ष्य ही समझ नहीं आता है।
सुपर स्ट्रेस के लक्षणों से ऐसे निपटें
- नींद पूरी करें। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है।
- काम से ब्रेक लें और जगह बदलें। कहीं घूमने जाएं और मूड फ्रेश करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। स्ट्रेस से उबरने में मदद मिलती है।
- प्रतिदिन योग और ध्यान करने के साथ ही डीप ब्रीदिंग करना नहीं भूलें।
- जिस काम में दिलचस्पी हो, उसे जरूर करें। इससे दिमाग शांत होता है।
- किसी से बातें करें। अकेले अपने अंदर स्ट्रेस को दबाकर रखने से बचें।
- अगर कोई आपको नहीं समझे, तो बिना संकोच काउंसलर की मदद लें।