मध्यप्रदेश

एक जनवरी से सरकारी कामकाज में होगा बड़ा बदलाव, ऑफिस में नहीं घुमा पाएंगे बाबू..

भोपाल : वल्लभ भवन मंत्रालय स्थित विभागों की सभी फाइलें एक जनवरी 2025 से ई-ऑफिस के माध्यम से संचालित होंगी। इसके निर्देश सभी विभाग प्रमुखों को नोटशीट भेजकर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने दिए हैं। नोटशीट में कहा गया है कि सभी फाइलों की स्कैनिंग की जाए, जिसमें पहले प्रचलित नस्तियां और इसके बाद निराकृत नस्तियां स्कैन की जाएं।

अब तक 39 विभागों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण उपरांत कुल 39 विभागों में से केवल 17 विभागों ने ई- फाइल प्रणाली का उपयोग आरंभ किया है। शेष 22 विभाग भी तत्काल ई-ऑफिस का उपयोग आरंभ करें।

क्या है ई-ऑफिस

ई-ऑफिस दरअसल ऑनलाइन प्रणाली है। इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कंप्यूटर पर बैठकर अपनी फाइलें निपटाएंगे। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन सी फाइल किस के पास लंबित है। पुरानी नस्तियों को भी इसमें ढूंढा जा सकेगा। इससे शासकीय कार्य तेजी से संपादित हो सकेंगे। उच्च स्तर पर इसकी मानिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मैन्युअल ही चलेगी फाइलें

मंत्रालय में ई आफिस व्यवस्था होगी लागू, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मैन्युअल ही चलेगी फाइलें। ई- फाइलों के माध्यम से ही शासकीय कामकाज होंगे। मैन्युअल फाइल की व्यवस्था को पूरी तरह से बंद किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के हस्ताक्षर की कापी कर इसका दुरुपयोग न किया जा सके।

अधिकारियों के टेबल पर फाइलों के अंबार वाली व्यवस्था बंद की जाएगी। इसी तरह मध्य प्रदेश कैबिनेट के लिए बनने वाले प्रस्ताव भी आनलाइन तैयार होंगे। भोपाल स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालय यानि संचालनालय भी ई-ऑफिस से जुड़ गए हैं। जल्द ही संभागीय एवं जिला कार्यालय भी ई-ऑफिस व्यवस्था से जोड़े जाएंगे।

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