कोयला खदान में फिर भड़की आंदोलन की आग, चार दिन से हड़ताल पर हैं कलिंगा ठेका कंपनी के कर्मचारी, जानें वजह
कोरबा। कोरबा में बोनस और सरकारी अवकाश के पैसे देने की मांग को लेकर एसईसीएल मानिकपुर खदान में निजी ठेका कंपनी कलिंगा के कर्मचारी पिछले चार दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। कर्मचारियों के हड़ताल से मिट्टी ओव्हरबर्डन का काम पूरी तरह से ठप्प है, जिससे कंपनी को करोड़ों की क्षति उठानी पड़ रही है।
कोरबा में एसईसीएल की मानिकपुर कोल परियोजना में विरोध की आग एक बार फिर से भड़क गई है। खदान में नियोजित निजी ठेका कंपनी कलिंगा के सैकड़ों कर्मचारी आंदोलन पर चले गए हैं। पिछले तीन दिनों से उनके द्वारा काम बंद कर आंदोलन किया जा रहा है। कर्मचारी बोनस और सरकारी अवकाश के रुपयों की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी खदान के भीतर वाहनों को खड़ा कर आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन से खदान में मिट्टी ओव्हरबर्डन का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है। खदान के भीतर 60 से 70 की संख्या में वाहन खड़े हैं और कर्मचारी ठेका कंपनी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। कर्मचारियों के आंदोलन से ठेका कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो सकता है। कर्मचारियों को मनाने कंपनी के अधिकारी भी पहुंचे लेकिन मांग पूरी नहीं होने की स्थिती में उन्हें चलता कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि कलिंगा कंपनी के कर्मचारी दशहरा से पहले ही अपनी मांग कंपनी के समक्ष रखे हैं और काफी लंबे समय से आंदोलन रखें इसके बावजूद भी उनकी मांगे अब तक पूरी नहीं हुई है इस बार सभी कर्मचारियों ने ठोस निर्णय लेते हुए सभी गाड़ियों को खदान में खड़ी कर आंदोलन पर उतारा है उनकी मांग है कि जब तक बोनस की राशि और छुट्टी अवकाश की राशि नहीं मिलेगी तब तक वाहन नहीं चलाएंगे।
बताया जा रहा है कि आंदोलन की सूचना के बाद कलिंगा कंपनी के इंचार्ज मोहती मौके पर पहुंचे हुए थे और कर्मचारियों को समझने का प्रयास कर रहे थे लेकिन उसके बावजूद भी कर्मचारी उनकी बातों को नहीं माने और आंदोलन अभी भी जारी है। इस आंदोलन से कलिंगा कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो सकता है। कलिंगा कंपनी खदान में पिछले कई सालों से मिट्टी डंपिंग का काम करते आ रही है