दमोह में सड़क हादसा, एक साथ उठीं माता-पिता और बेटे की अर्थियां
तेंदूखेड़ा के ग्राम हनुमत बाग निवासी माता-पिता और बेटे की जबलपुर में सड़क हादसे में मौत के बाद रविवार को शव गांव पहुंचे। एक साथ तीनों की अंतिम यात्रा निकली, जिसे देख पूरा गांव रो पड़ा। गांव के मुक्तिधाम में तीनों का अंतिम संस्कार किया गया। बेटे की ससुराल में तेरहवीं कार्यक्रम में माता-पिता और बेटा बाइक से जा रहे थे।
बेलखेड़ा के समीप बेन की टक्कर से तीनों की गई जान
जबलपुर के बेलखेड़ा के समीप वैन की टक्कर से तीनों की मौत हो गई थी। घर के इकलौते बेटे की मौत के कारण परिवार में अन्य कोई और बेटे के न होने के चलते भतीजों ने तीनों का अंतिम संस्कार किया। बेटा मोहन गोंड अपने माता-पिता का एकलौता बेटा था और उसकी शादी जबलपुर के बेलखेड़ा थाने अंतर्गत आने वाले गांव में हुई थी।
माता-पिता को बाइक से लेकर अपनी ससुराल जा रहा था
ग्रामीणों के बताए अनुसार मोहन की सुसराल में उसके चाचा ससुर की मौत हो गई थी और तेरहवीं थी। जिसमें मोहन अपने पिता प्रेम सिंह और मां शील बाई को बाइक से लेकर अपनी ससुराल जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में मारुति वैन ने उन्हें टक्कर मार दी। मोहन का एक बेटा है जो दो वर्ष का है इसलिए उसकी जगह उसके चचेरे रिश्तेदारों ने मृतको को मुखाग्नि दी।
एक-दूसरे के रिश्तेदार से पूरा गांव बसा है
ग्राम पंचायत जामुन से लगा हुआ ग्राम हनुमतबाग है जहां आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो एक-दूसरे के रिश्तेदार से पूरा गांव बसा है लेकिन मगर ऐसा पहली बार हुआ है ज़ब किसी घर से एक साथ तीन चिताएं निकलीं हो। अंतिम संस्कार के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल रहा।