पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक में 8 बड़े रेलवे प्रोजेक्टस को दी मंजूरी, 3 करोड़ आवास बनेंगे
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को पूर्वी राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान देने वाली आठ बड़ी रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी. कुल परिव्यय 24,657 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है. सभी परियोजनाओं में से आठवीं परियोजना महाराष्ट्र के लिए निर्धारित की गई है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, इस परियोजना के तहत जलगांव से जालना (174 किलोमीटर) तक नई लाइन बनाई जाएगी, जो एक अच्छा परिवहन गलियारा बनाएगी.
पीएम मोदी ने दी बड़ी सौगात
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि, “पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने आज कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. वैष्णव ने कहा, “आठ परियोजनाएं सात राज्यों-ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के 14 जिलों को कवर करेंगी. ये परियोजनाएं कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी, यात्रा को आसान बनाएंगी और लॉजिस्टिक लागत को कम करेंगी. एक बार जब परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, तो इससे तेल आयात कम हो जाएगा और CO2 उत्सर्जन कम हो जाएगा. इतना ही नहीं, इनसे निर्माण के दौरान लगभग तीन करोड़ मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा.अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, बजट 2024 में पीएम ने पूर्वी राज्यों के विकास के लिए अपनी ‘पूर्वोदय योजना’ के बारे में जानकारी दी. आज कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले बताते हैं कि सरकार ओडिशा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. कैबिनेट ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए आठ रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से तीन ओडिशा के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों के लिए हैं.”
3 करोड़ आवास बनेंगे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पिछले 10 साल में 4 करोड़ घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देशभर में एक बहुत बड़ा सामाजिक परिवर्तन आया है. 3 करोड़ और नए घर के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई है. इसके लिए बजट प्रावधान 3,60,000 करोड़ रुपए होगा. 2 करोड़ घर ग्रामीण इलाकों में और 1 करोड़ घर शहरी इलाकों में होंगे.” इन 8 बड़ी रेल परियोजनाओं से आकांक्षी जिले, आदिवासी बहुल क्षेत्र सभी को विकास का बड़ा माध्यम मिलेगा.
मंत्री ने कहा, “परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी.”
इन परियोजनाओं के साथ 64 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे छह आकांक्षी जिलों (पूर्वी सिंहभूम, भद्राद्री कोठागुडेम, मलकानगिरी, कालाहांडी, नबरंगपुर, रायगढ़ा), लगभग 510 गांवों और लगभग 40 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी. उन्होंने कहा, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल अजंता गुफाएं भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ी होंगी, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटकों को सुविधा मिलेगी.
ये कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, बॉक्साइट, चूना पत्थर, एल्यूमीनियम पाउडर, ग्रेनाइट, गिट्टी और कंटेनर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 143 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा. पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (32.20 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (0.87 मिलियन टन) को कम करने में मदद करेगा, जो 3.5 करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है.