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अब नौसेना के गोताखोर करेंगे गंगा में डूबे डिप्टी डायरेक्टर की तलाश, ड्रोन की भी ली जाएगी मदद, नदी की तलहटी से हटाएंगे मलबा

कानपुर : दोस्तों के साथ गंगा में नहाने गए स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर उन्नाव के नानामऊ घाट पर डूब गए थे. घटना शनिवार की है. तीन दिनों की तलाश के बावजूद उनका पता नहीं चल पाया है. आज चौथे दिन का सर्च अभियान चल रहा है. घाट पर ऑस्ट्रेलिया से पहुंचे परिवार की चीखें गूंज रहीं हैं. तमाम रिश्तेदार भी जुटे हैं. तीन दिनों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल पुलिस, गोताखोरों की टीम नदी के 30 किमी के दायरे में उनकी तलाश कर रही है. जिला प्रशासन के अफसरों ने आज नौसेना के गोताखोरों को भी गंगा में उतारने की रणनीति तैयार की है. ड्रोन का भी सहारा लिया जाएगा.

दो दिनों में 2 फीट तक घटा गंगा का जलस्तर : एसडीएम बिल्हौर रश्मि लांबा ने बताया कि पिछले दो दिनों में गंगा का जलस्तर दो फीट तक गिर गया है. ऐसे में सर्च अभियान में आज मदद मिल सकती है. डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन जिस स्थान पर डूबे थे वहां की ड्रेजिंग (तल से मलबा हटाने की प्रक्रिया) भी कराई जा सकती है. बिठूर से लेकर गंगा बैराज तक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल पुलिस, गोताखोरों की टीम ने एक बार फिर से सुबह से ही सर्च अभियान शुरू कर दिया है. बीच धारा से लेकर गंगा की लहरों के साथ ही किनारों पर झाड़ियों की भी कांबिंग कराई जा रही है. एसडीएम ने कहा कि जिस तरीके से परिजन जो भी मांग कर रहे हैं, जिला प्रशासन के अफसर उन्हें पूरी मदद मुहैया करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द हम आदित्यवर्धन को तलाश सकें.

परिजन घाट पर डटे : वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग में उपनिदेशक आदित्य वर्धन शनिवार की सुबह बिल्हौर के नाना मऊ घाट पर डूब गए थे. उनके परिजन लगातार कानपुर आ रहे हैं. सोमवार को ऑस्ट्रेलिया से उनके पिता रमेश सिंह, मां शशि प्रभा कानपुर आ गए थे. उनके चचेरे भाई बिहार सीएम के सचिव अनुपम सिंह लगातार तीन दिनों से नाना मऊ घाट पर ही बैठे हैं. कानपुर के जिला प्रशासन के अफसर से भी अनुपम सिंह संपर्क बनाए हुए हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक आदित्य वर्धन का कुछ पता नहीं लगता कब तक वह कानपुर में ही मौजूद रहेंगे. मौजूदा समय में आदित्य वर्धन की बहन प्रज्ञा व गुड़िया, मां शशि प्रभा, पिता रमेश सिंह समेत कई अन्य परिजन मौजूद हैं.

गंगा की लहरों में कैसे समा गए तैराक आदित्य वर्धन : डिप्टी डायरेक्टर अच्छे तैराक माने जाते हैं. उन्हें तैरीकी में खुद पर पूर भरोसा था. घाट पर नहाने आए उनके साथ के लोग भी इसे लेकर बेफिक्र थे. घाट के किनारे डिप्टी डायरेक्टर पास के मंदिर में सेवारत पवन उपाध्याय समेत अन्य के साथ वहां पहुंचे थे. पवन नहाकर बाहर निकल आए थे. डिप्टी डायरेक्टर जब डूबने लगे तो उन्होंने चेताया लेकिन उनके साथ आए लोगों ने समझा कि वह तैर रहे हैं. तैराक भला कैसे डूब सकता है, इसी अति आत्मविश्वास और गलतफहमी में डिप्टी डायरेक्टर डूब गए.

बड़े पदों पर तैनात है डिप्टी डायरेक्टर के परिवार के सदस्य : मामला हाई-प्रोफाइल होने के कारण प्रशासन हर वह मुमकिन कदम उठाने के तैयार है जिससे डिप्टी डायरेक्टर का पता लगाया जा सके. डिप्टी डायरेक्टर की पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र में एडीजे हैं. बेटी उनके साथ ही रहती है. डिप्टी डायरेक्ट के चचेरे भाई अनुपम बिहार के सीएम नीतीश के सचिव हैं. इसके अलावा बहन प्रज्ञा ऑस्ट्रेलिया में रहती है. वह वहां सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. रिश्तेदर लगातार एक-दूसरे से फोन पर अपडेट ले रहे हैं.

यह हुई थी घटना : उन्नाव के बांगरमऊ इलाके के गांव कबीरपुर के रहने वाले आदित्य वर्धन की तैनाती वाराणसी में है. वह लखनऊ के इंदिरा नगर कॉलोनी में रह रहे थे. वह वहां से कार से दो दोस्तों के साथ नानमऊ घाट पर पहुंचे थे. इस दौरान नहाते समय वह गंगा में डूब गए. तब से उनकी तलाश चल रही है.

 

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