आईएसबीटी कश्मीरी गेट से अब 30 मिनट में बाहर होंगी अंतरराज्यीय बसें, भीड़-भाड़ और जाम से मिलेगी निजात
कश्मीरी गेट स्थित आईएसबीटी में अब अंतरराज्यीय बसों का ठहराव 15-30 मिनट तक होगा। बसें हर हालत में तीस मिनट के भीतर बस अड्डे से बाहर होंगी। इससे यात्रियों को बसों में बैठकर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वहीं, आईएसबीटी में भीड़-भाड़ और जाम से निजात मिलेगी। इसके अलावा अंदर ज्यादा बसें भी आ सकेंगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 दिनों के भीतर बस अड्डे के अंदर परिचालन से जुड़ी समस्याओं को दूर करें।
इससे पहले शनिवार दोपहर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के आला अधिकारियों के साथ आईएसबीटी का मुआयना करने पहुंचे। एलजी ने यात्री सुविधाओं के साथ टर्मिनल से स्थानीय और अंतरराज्यीय बसों के संचालन का जायजा लिया। अधिकारियों ने एलजी को बताया गया कि मौजूदा समय में अंतरराज्यीय बस के लिए न्यूनतम समय 45-60 मिनट का है। ऐसा होने पर कई बार अंदर बस अड्डा भर जाता है। इससे बाहर से आने वाली बसों को सड़क पर रुकना पड़ता है। इससे अंदर व बाहर जाम के हालात बन जाते हैं। परिचालन के तकनीकी पक्षों पर चर्चा के बाद एलजी ने परिवहन आयुक्त और डीटीसी अधिकारियों को निर्देश दिया कि बस अड्डे के भीतर से बसें हर हाल में तीस मिनट में बाहर हो जानी चाहिए। इससे बसों का आवागमन 50 फीसदी से अधिक बढ़ जाएगा। इसका सीधा फायदा आम मुसाफिरों को मिलेगा।
2600 बसों का संचालन
मौजूदा समय में आईएसबीटी से हर दिन करीब 2,600 बसें चलती हैं। इसमें से करीब 1,300 बसें दूसरे राज्यों की है।
डीटीसी व क्लस्टर की 1,200 व अखिल भारतीय पर्यटक परमिट की करीब 100 बसें हैं। अंदर ठहराव की अवधि घटने से करीब 1,900 अंतरराज्यीय बसों को संचालन किया जा सकेगा।
उपराज्यपाल ने पैदल किया रानी झांसी रोड का निरीक्षण
अपने निरीक्षण के दौरान एलजी आजाद मार्केट से फैज रोड चौराहे और ईदगाह होते हुए पूसा रोड चौराहे तक रानी झांसी रोड का पैदल निरीक्षण करने गए। इस दौरान एलजी को सड़क पर अतिक्रमण, फुटपाथ और केंद्रीय किनारों की खराब हालत, फैज रोड चौराहे के आसपास की सड़क की दयनीय स्थिति, ईदगाह के किनारे की किलेबंदी की खराब स्थिति, आवारा पशु और ट्रेफिक पुलिस की अनुपस्थिति सहित दूसरी समस्याएं मिली। इन समस्याओं के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या दिखी। एलजी ने सख्त निर्देश दिए कि सभी मुद्दों को एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और ट्रैफिक पुलिस सहित अन्य के बीच अंतर-विभागीय/एजेंसी समन्वय के जरिए जल्द से जल्द सुलझाया जाए।