छत्तीसगढ
अब हर महीने किया जाएगा 10 -10 स्कूलों का निरीक्षण…
बिलासपुर। संयुक्त संचालक ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए संभाग के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें। जारी पत्र में तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है, जिनमें शिक्षकों की अनुपस्थिति, जर्जर भवन और पढ़ाई की कमी शामिल है। संकुल समन्वयकों को भी हर माह अपने अंतर्गत स्कूलों का दो बार अवलोकन करना अनिवार्य होगा, ताकि शालाओं की मानिटरिंग बेहतर ढंग से हो सके।
शिक्षकों की अनुपस्थिति और जर्जर भवनों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता
जारी पत्र में जेडी ने स्कूलों में हो रही गंभीर कमियों की ओर इशारा करते हुए तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया है। शिक्षकों की अनुपस्थिति, जर्जर भवन और पढ़ाई की कमी इसमें शामिल है। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान बच्चों की सुरक्षा, विद्यालय भवन की स्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति और कक्षाओं में पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही शासन की योजनाओं जैसे मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति और गणवेश वितरण के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की जाएगी।
समय से पहले शाला बंद कर निकल गए शिक्षक
डाइट पेंड्रा के प्रसन्ना मुखर्जी को शहरी क्षेत्र की शालाओं के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। गुरुवार को जब वह दयालबंद संकुल समन्वयक आकाश वर्मा के साथ निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि तोरवा स्थित माध्यमिक शाला में शिक्षक समय से पहले ही ताला लगाकर निकल चुके थे। दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर शाला बंद मिली। इसी तरह दयालबंद स्थित शासकीय माध्यमिक शाला भी बंद पाई गई। जब कारण पूछा गया, तो प्रधान पाठक ने बताया कि शाला को सुबह की पाली में संचालित किया गया था।