वक्फ कानून में संशोधन पर नकवी बोले- इसकी जरूरत है; कांग्रेस सांसद ने कहा- पहले बिल पर चर्चा
संसद में वक्फ कानून में संशोधन विधेयक लाने की केंद्र सरकार की तैयारी को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। वक्फ कानून संशोधन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वक्फ सिस्टम को मुझे मत छुओ की सोच से बाहर निकालने की जरूरत है। एक समावेशी सुधार पर सांप्रदायिक मानसिकता थोपना न तो देश के लिए अच्छा है और न ही समुदाय के लिए बेहतर है।
लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान वक्फ और वक्त दोनों के लिए अच्छा है। सरकार का जो भी प्रस्ताव हो, लेकिन मेरा यही मानना है कि इसकी जरूरत है।
वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यदि संसद में कोई नया विधेयक पेश किया जा रहा है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए। सरकार को बिल को विपक्ष के सामने पेश किया जाना चाहिए। कम से कम अपने सहयोगी दल जेडीयू और टीडीपी से इस पर चर्चा करनी चाहिए।
यह बदलाव करने जा रही सरकार
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती करने की तैयारी में है। निकट भविष्य में वक्फ बोर्ड पहले की तरह किसी भी संपत्ति को स्वेच्छा से अपनी संपत्ति नहीं घोषित कर पाएंगे। उन्हें अपने बोर्डों में महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी। मोदी सरकार सोमवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड अधिनियम-1954 में संशोधन के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है। विधेयक के मसौदे पर कैबिनेट की मुहर लग चुकी है। विधेयक पेश होने से पहले भाजपा सहयोगियों को साधने में जुट गई है। संशोधन विधेयक में सबसे अहम प्रावधान वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम करने का है। विधेयक के प्रावधान के मुताबिक राज्य वक्फ बोर्ड के दावे वाली विवादित जमीन का नए सिरे से सत्यापन होगा। बोर्ड जिन संपत्तियों पर दावा करेंगे उसका सत्यापन अनिवार्य होगा। उन विवादित संपत्तियों के सत्यापन का भी प्रावधान है, जहां वक्फ और मालिकों के बीच विवाद है।