नक्सल पीड़ितों ने अमित शाह से मिलकर बताया दर्द, न्याय व पुनर्वास की मांग की
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के करीब 70 नक्सल पीड़ितों के दल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। नक्सल हिंसा से प्रभावित इन लोगों ने अपनी व्यथा साझा की और न्याय व पुनर्वास की मांग की।
दल का नेतृत्व बस्तर शांति समिति ने किया, जो राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास के लिए काम कर रही है। इनमें से कई लोगों ने नक्सलियों के हाथों अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। कुछ ने अपने अंग गंवाए हैं और कुछ पूरी तरह से अपाहिज हो गए हैं। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों की पीड़ा को राष्ट्रीय स्तर पर लाना था। पीड़ितों ने बताया कि नक्सली हमलों के कारण उनके जीवन में गंभीर व्यवधान आए हैं। शाह ने पीड़ितों के संघर्ष और साहस की प्रशंसा की और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने कहा कि सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
जंतर-मंतर पर पर उठाई आवाज गृह मंत्री से मुलाकात से पहले, पीड़ितों का दल जंतर-मंतर पर पहुंचा था, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं को आम जनता के सामने रखा। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और शांति को प्राथमिकता दी जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ब्यूरो
सीएम विष्णुदेव साय और राज्य सरकार का योगदान
नक्सल पीड़ितों ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यों से प्रभावित होकर अपनी बात दिल्ली तक लाने का साहस कर पाए हैं। राज्य सरकार ने जिस तरह से बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों और सुरक्षा प्रयासों को प्राथमिकता दी है, उसने इन लोगों को यह हिम्मत दी कि वे अपनी आवाज दिल्ली में उठाएं।