महानवमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया: कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन
शुक्रवार को नवरात्रि की अष्टमी और नवरात्रि दोनों मनाई गई। नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माता दुर्गा का यह स्वरूप सिद्ध और मोक्ष देने वाला है इसलिए माता को मां सिद्धिदात्री कहा जाता है। इनकी पूजा अर्चना करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई पौराणिक कहानियों के अनुसार यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव को देवी सिद्धिदात्री से ही सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। नौवे दिन शुक्रवार को दोपहर बाद महानवमी का पर्व संपन्न हुआ जगह-जगह कन्या पूजन के साथ माता के भोग भंडारे का वितरण किया गया। देवी मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना के साथ हवन का दौर भी जारी रहा सभी प्रसिद्ध मंदिरों में सुबह से ही भक्त माता का आशीर्वाद लेने हाथों में पूजन सामग्री लिए मंदिर पहुंचते रहे तो वही माता का विशेष सिंगार भी यहां नज़र आया। शारदीय नवरात्र में माता स्वयं धरती पर उपस्थित होकर भक्तों को अपना आशीर्वाद देती है। भक्त पूरे 9 दिन तक पूरी तरह से माता की भक्ति में लीन नजर आए। शारदीय नवरात्रि का यह पर्व हर आम हो या खास सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है यही वजह है कि 9 दिनों में भक्त माता की आराधना करने के साथ-साथ उनके द्वार में भी पहुंचते हैं। मंदिर के साथ-साथ पंडालो में विराजमान मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने भक्त उन तक पहुंच कर दर्शन प्राप्त कर रहे हैं।