बिलासपुर। बिलासपुर जेल में रहकर एटीएम क्रेक करना सीखकर युवक देशभर में घूमकर चोरी की वतदातो को अंजाम देने लगा था। बिलासपुर के तारबाहर क्षेत्र में एटीएम में चोरी करने के बाद भागने के फिराक में युवक रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया है। युवक को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की कर रही है। आदतन चोर से देश के अलग-अलग हिस्सों में एटीएम से हुई चोरियों का पर्दाफाश हुआ है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( शहर) उमेश कश्यप ने बताया कि बैंको के एटीएम की देखरेख करने वाली कंपनी के अधिकारी ने चोरी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि रविवार की सुबह व्यापार विहार स्थित एटीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। कंपनी के कर्मचारियों ने इस संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि मशीन का शटर टूटा हुआ है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि एक व्यक्ति एटीएम में छेड़छाड़ कर दूसरे के रुपये निकालकर भाग रहा है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी।इसी बीच पता चला कि सत्यम चौक और गोलबाजार स्थित एटीएम में भी छेड़छाड़ की गई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस चोरों की तलाश कर रही थी।
जांच के दौरान पुलिस ने रेलवे स्टेशन में राजस्थान के डिडवाना जिला अंतर्गत पिलवा थाना क्षेत्र के ग्राम फुलियाना निवासी बहादुर चैकीदार(35) को पकड़ लिया है। पूछताछ में वह पुलिस को गोलमोल जवाब दे रहा था। तारबहार पुलिस ने उसे पकड़कर थाने ले कर आए, जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि वह एटीएम के शटर में पट्टी फंसा देता है। ग्राहक जब रुपये निकालने आते हैं तो उनके रुपये शटर के पास फंस जाता है। रुपये नहीं निकलने पर ग्राहक चले जाते हैं। इसके बाद वह शटर खोलकर रुपये निकाल लेता है। दिनभर अलग-अलग जगहों पर चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद वह शाम को शहर छोड़ देता था। उसने चोरी का यह तरीका राजस्थान में जेल में रहने के दौरान एक कैदी से सीख लिया था। आरोपित से चोरी के 33 हजार रुपये जब्त किया गया है।
एटीएम चोरी के मामले में चार साल रहा जेल में…
पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ एटीएम में तोड़फोड़ कर चोरियां करता था। इसी मामले में वह 2015 में पकड़ा गया था।इस दौरान वह तीन साल तक जेल में रहा है। इसके बाद वह 2020 में एक बार फिर दोस्तों के साथ चोरी के मामले में पकड़ा गया था। तब वह एक साल तक जेल में भी रहा है। इसी दौरान उसने जेल में बंद एक कैदी से एटीएम में पट्टी फंसाकर चोरी करने का तरीका सीख लिया था। इसके बाद से वह अलग-अलग शहरों में अकेले चोरी की वारदात को अंजाम दिया आ रहा है। वह 19 जुलाई को उज्जैन में भी था। उसी दिन वह जबलपुर भी आ गया था। जबलपुर से ट्रेन में बैठकर वह बिलासपुर आया था, यहां पर उसने तीन जगहों पर चाेरी की घटनाओं को अंजाम दिया था।इसके बाद वह शहर छोड़कर भागने की फिराक में था।
किसी शहर में नहीं बिताता था रात को आरोपित ने बताया कि वह चोरी करने के लिए ऐसे शहर को चुनता था जहां पर ट्रेन से सुबह पहुंच जाए। सुबह ही वह एटीएम में पट्टी फंसा देता था। इसके बाद वह चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे शहर भाग जाता था। जिस शहर में वह चोरी करता उस शहर के होटल और लाज में नहीं रुकता था। वह ऐसी जगह भी नहीं जाता था जहां पर उसे अपनी पहचान बताना पड़े। इस तरह से वह पुलिस की नजर में आने से बचाता रहा है।