आज से बीकानेर में भारत-अमेरिका के बीच युद्धाभ्यास, दोनों देश तालमेल बढ़ाकर करेंगे आतंकवाद का खात्मा
बीकानेर : सोमवार से रेतीले धोरों में अमेरिकन तोपों की गर्जना के बीच भारत अमेरिका के बीच युद्धाभ्यास की शुरुआत होगी. दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास 22 सितंबर तक चलेगा. दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास का यह 20वां संस्करण है. साल 2004 में अपनी शुरुआत के बाद से, युद्ध अभ्यास में महत्वपूर्ण विकास हुआ है. इस साल के अभ्यास में एक विस्तारित दायरा होगा और इसे अर्ध-रेगिस्तानी वातावरण में संचालित किया जाएगा. इसका फोकस संयुक्त सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और संयुक्त राष्ट्र के चैप्टर VII के तहत उप-पारंपरिक क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर रहेगा. युद्ध अभ्यास के लिए रविवार शाम को अमेरिकी दल महाजन फायरिंग रेंज पर पहुंचा.
वैश्विक हालात की चुनौतियों से लड़ना सीखेंगी सेना : एशिया के सबसे बड़े महाजन के फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हो रहे इस अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक अपने अपने हथियारों को भी परखेंगे. भारत और अमेरिका के बीच इस 20वें संयुक्त सैन्य अभ्यास का मकसद दोनों पेशेवर सेनाओं के बीच तालमेल को मजबूत करना और देश दुनिया के सामने आ रही सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना है. भारतीय सैनिकों की ओर से यहां रेत के धोरों के बीच आसमान से उतरते हुए दुश्मन के ठिकानों को खत्म करने की ट्रेनिंग का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही भारत में ही बने हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. भारतीय सेना अमेरिका के जवानों को इन हथियारों की ट्रेनिंग देने के साथ इंजीनियरिंग से भी अवगत कराएगी. इसी तरह अमेरिकी हथियारों की ट्रेनिंग भारत के जवान लेंगे. भारतीय सैनिक सीरीज़ की AK 203 राइफल जैसे हथियार का उपयोग करेगी.
अमेरिका इस्तेमाल करेगा हाई मोबिलिटी आर्टिलरी : भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अमेरिका की ओर से पहली बार हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम तैनात किया जाएगा. यह सिस्टम लंबी दूरी तक सटीक हमले करने में सक्षम है. अभ्यास के दौरान भारत अपनी नेक्स्ट जेनरेशन के हथियारों का प्रदर्शन करेगा. इस दौरान भारतीय सेना के जवान आसमान से जमीन तक अपनी ताकत दिखाएंगे.