पहले 100 दिन में MSP और टैक्स से जुड़े अहम फैसले, किसानों और मध्यम वर्ग को फायदे का दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के मंत्री अधिक शामिल किए गए। पिछले दो कार्यकालों की तुलना में यह सरकार काफी अलग है। सरकार का दावा है कि तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में किसानों और मध्यम वर्ग की आजीविका में सुधार के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 17वीं किस्त जारी करके अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत की।
लाखों किसानों को मिला लाभ
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कितने किसानों को आर्थिक लाभ मिला, इस पर सरकारी सूत्रों ने बताया कि 9.3 करोड़ किसानों के बीच 20,000 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। अब तक कुल 12 करोड़ 33 लाख किसानों के बीच 3 लाख करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। इसके अलावा सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी बढ़ाया है। सरकार का दावा है कि एमएसपी बढ़ाने से किसानों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
तीसरे कार्यकाल के लिए नौ जून को शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए 12,100 करोड़ रुपये के आवंटन को भी मंजूरी दी। कृषि क्षेत्र में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने डिजिटल कृषि मिशन सहित 14,200 करोड़ रुपये की सात प्रमुख योजनाओं को भी मंजूरी दी।
तीसरे कार्यकाल के कुछ अन्य बड़े फैसलों पर बिंदुवार एक नजर-
- प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटाने का फैसला।
- प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 प्रतिशत करने के फैसले से किसानों को बड़े लाभ की संभावना।
- जम्मू-कश्मीर में 3,300 करोड़ रुपये की लागत वाली कई कृषि और विकास परियोजनाओं की शुरुआत।
- मौसम और जलवायु से जुड़े काम के लिए 2000 करोड़ रुपये की लागत वाले मिशन मौसम को मंजूरी।
- कृषि क्षेत्र में क्रांति, स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए ‘एग्रीश्योर फंड’ की शुरुआत।
- टैक्स के मोर्चे पर भी अहम फैसला। 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर कर नहीं देना होगा। वेतनभोगी 17,500 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।
- आयकर नियमों की व्यापक समीक्षा छह महीने के भीतर होगी।
- उत्तराखंड के किसानों के लिए उचित दरों पर जैविक उत्पाद खरीदने के लिए समझौता ज्ञापन। लाभ सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगा।
- सूत्रों के मुताबिक नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
- सहकारी चीनी मिलों की इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को मल्टी-फीड सुविधा में बदला जाएगा। इससे मक्के से भी इथेनॉल बनाया जा सकेगा।
आंध्र प्रदेश के लिए पोलावरम परियोजना, 14 हजार करोड़ से अधिक की सात परियोजनाएं
तीसरे कार्यकाल के लिए नौ जून को शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए 12,100 करोड़ रुपये के आवंटन को भी मंजूरी दी। कृषि क्षेत्र में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने डिजिटल कृषि मिशन सहित 14,200 करोड़ रुपये की सात प्रमुख योजनाओं को भी मंजूरी दी।