CALCIUM: यदि शरीर में दिखें ये लक्षण, तो समझें कैल्शियम की कमी हो गई है, और तुरंत इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें
कैल्शियम ह्यूमन बॉडी के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मिनरल है। यह हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों और नर्व सिस्टम के सही कामकाज के लिए आवश्यक होता है। यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है, तो हड्डियों का कमजोर होना, दांतों की समस्याएं, मांसपेशियों का दर्द, नर्वस सिस्टम की समस्याएं और हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विशेष रूप से महिलाओं में कैल्शियम की कमी का असर मेनोपॉज और रिप्रोडक्टिव ईयर्स के दौरान अधिक देखने को मिलता है। इस लेख में हम महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कैल्शियम की कमी के कारण
- इनकम्प्लीट डाइट अगर किसी व्यक्ति की डाइट संतुलित नहीं है और उसमें कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों की कमी है, तो शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। खासकर महिलाएं जो डाइट में कैल्शियम की उपयुक्त मात्रा नहीं लेतीं, उन्हें इसका प्रभाव जल्दी दिखाई देता है।
- अनवांछित मेडिसिन कुछ दवाइयां कैल्शियम के अवशोषण को प्रभावित करती हैं। लंबे समय तक इन दवाइयों का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। खासकर हॉर्मोनल दवाइयां, डाईयूरेटिक्स, या कुछ एंटी-एसीड्स कैल्शियम अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं।
- मेनोपॉज मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में कैल्शियम की कमी का खतरा अधिक बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर घटता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
- फिजिकल एक्टिविटी की कमी शारीरिक गतिविधियों की कमी से कैल्शियम के अवशोषण में कमी आ सकती है। कैल्शियम को हड्डियों में जमा होने के लिए शारीरिक व्यायाम जरूरी है। बिना व्यायाम के हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और कैल्शियम का स्तर घट सकता है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण
कैल्शियम की कमी के कई लक्षण हो सकते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर में प्रकट होते हैं। महिलाओं में इसके प्रभाव और लक्षण अधिक दिख सकते हैं:
- हड्डियों की कमजोरी
जब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है, तो हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस वजह से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है, और हड्डियों में दर्द भी हो सकता है। - मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन
कैल्शियम की कमी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन, दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है। खासकर शरीर के निचले हिस्से में ये लक्षण अधिक देखे जाते हैं। - दांतों की समस्याएं
कैल्शियम की कमी से दांतों में इरोजन और सेंसिटिविटी बढ़ सकती है। दांतों का गिरना और टूटना भी कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है। - थकान और कमजोरी
कैल्शियम की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। महिलाओं को थोड़ी सी मेहनत के बाद थकान महसूस हो सकती है, और शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है। - नर्वस सिस्टम से संबंधित समस्याएं
कैल्शियम की कमी से नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है, जिससे सुन्नता, झुनझुनी और मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
महिलाओं पर कैल्शियम की कमी का असर
- ऑस्टियोपोरोसिस महिलाओं में कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें टूटने का खतरा बढ़ जाता है। विशेषकर मेनोपॉज के बाद यह समस्या अधिक होती है क्योंकि हॉर्मोनल बदलाव के कारण कैल्शियम का अवशोषण घट जाता है।
- रिप्रोडक्टिव हेल्थ कैल्शियम की कमी से महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है। यह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षणों को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था के दौरान भी कॉम्प्लिकेशन्स उत्पन्न कर सकता है।
- दिल की सेहत कैल्शियम की कमी से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज के खतरे बढ़ सकते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि कैल्शियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है और दिल की सेहत में सुधार करने में मदद करता है।
कैल्शियम की कमी से बचाव के उपाय
कैल्शियम की कमी को रोकने के लिए कई उपाय हैं, जिन्हें महिलाएं अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं:
- कैल्शियम युक्त आहार
अपने आहार में कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। दूध और इसके उत्पाद (पनीर, दही), हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, नट्स, और बीज कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं। - हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक, ब्रोकली, और केल जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत होती हैं। इन्हें अपनी डाइट में नियमित रूप से शामिल करें। - विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ
सूरज की रोशनी विटामिन-डी के उत्पादन में मदद करती है, जो कैल्शियम के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे- मछली, अंडे, और फोर्टिफाइड दूध भी लाभकारी होते हैं। - व्यायाम और शारीरिक गतिविधि
कैल्शियम का बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम करना बहुत जरूरी है। व्यायाम से हड्डियां मजबूत होती हैं और कैल्शियम का स्तर नियंत्रित रहता है। - कैल्शियम सप्लीमेंट्स
अगर आहार से कैल्शियम की पूरी मात्रा नहीं मिल रही है, तो डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम सप्लीमेंट्स लिया जा सकता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।