सरकारी स्कूल में छात्रा ने जन्मा बच्चा, उसी दिन श्मसान में मिली नवजात की अधजली लाश..
सागर। सागर जिले के छानबीला थाना क्षेत्र में सोमवार को एक 11वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा का प्रसव हुआ। प्रसव के बाद उसे जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन मंगलवार सुबह स्कूल के पास स्थित श्मशान घाट में एक नवजात का अधजला शव मिला, जिससे गांव में सनसनी फैल गई। पु
लिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर ली है।
नाबालिग छात्रा का प्रसव
गांव के एक सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल में सोमवार की शाम को एक नाबालिग छात्रा को पेट दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उसने प्राचार्य से छुट्टी मांगी। छात्रा की स्थिति गंभीर होने पर उसे महिला शिक्षक ने स्टाफ रूम में ले जाकर उसकी मां को सूचना दी।
कुछ समय बाद छात्रा ने वहां बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद उसे तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां उसे मेडिकल देखभाल दी गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि छात्रा ने किसे जन्म दिया।
श्मशान घाट में मिला नवजात का शव
मंगलवार की सुबह गांववाले श्मशान घाट के पास गए, तो उन्होंने नवजात का अधजला शव देखा। गांव के सरपंच ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और शव को बरामद कर जिला अस्पताल भेज दिया।
शव के पोस्टमॉर्टम के बाद ही नवजात की मौत के कारण का पता चलेगा। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। जांच शुरू कर दी है। छात्रा के बयान के आधार पर दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
प्रसूता को अस्पताल में किया भर्ती
पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव उईके और एसडीओपी शिखा सोनी भी शामिल थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजते हुए मामले की गहनता से जांच शुरू की। प्रसूता को बंडा अस्पताल भेजा गया, जहां से उसे सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
डॉक्टरों ने छात्रा को डफरिन अस्पताल में भर्ती किया है। पुलिस ने कहा कि नाबालिग से संबंधित मामले में अधिक जानकारी नहीं दी जाएगी, क्योंकि यह संवेदनशील मामला है।
जिले में नाबालिग के प्रसव का दूसरा मामला
सागर जिले में यह नाबालिग छात्रा का प्रसव का दूसरा मामला है। इससे पहले केंट थाना क्षेत्र में 17 वर्षीय एक गर्भवती लड़की का चोरी छिपे निजी अस्पताल में प्रसव कराए जाने का मामला सामने आया था। उस घटना के बाद बाल संरक्षण आयोग की टीम ने अस्पताल में छापा मारा था। नवजात बच्चे को सहित बच्ची को जिला अस्पताल भेज दिया था।