किसानों का दिल्ली कूच, बॉर्डर पर अडे़; राजधानी में लगा लंबा जाम..
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को दिल्ली कूच कर चुके हैं, जिसके कारण दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर यातायात बाधित हुआ है। रूट डायवर्जन और पुलिस चेकिंग के कारण सेक्टर 15ए से दिल्ली और कालिंदी कुंज से दिल्ली जाने वाले मार्गों पर लंबी कतारें लग गईं, जिससे लोगों को सुबह से ही भीषण जाम का सामना करना पड़ा।
राकेश टिकैत ने कहा- समाधान दिल्ली से निकलेगा
2 दिसंबर 2024 को किसानों का दिल्ली कूच जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “किसानों को महामाया फ्लाईओवर पर रोका गया है। किसान दिल्ली की ओर जाना चाहते हैं क्योंकि समाधान दिल्ली से ही निकलेगा।” हालांकि, पुलिस किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही है।
किसानों की प्रमुख मांगें:
- किसानों का दावा है कि 10 प्रतिशत आबादी को भूखंड मिलना चाहिए।
- भूमि अधिग्रहण के तहत किसानों को 64.7% अधिक मुआवजा दिया जाए।
- 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत बाजार दर का चार गुना मुआवजा मिले।
- किसानों और उनके बच्चों को 20% प्लॉट और रोजगार के अवसर मिले।
- भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को पुनर्वास लाभ मिलें और आबादियों का निस्तारण किया जाए।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने की मांग भी की जा रही है।
चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ी
किसानों के आंदोलन के कारण नोएडा सेक्टर 15ए से चिल्ला बॉर्डर की ओर जाने वाले ट्रैफिक में भारी जाम की स्थिति बनी हुई है। ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है और चिल्ला रेड लाइट को सिग्नल फ्री रखा गया है। बैरिकेडिंग कर दो लेन से ट्रैफिक को दिल्ली में एंट्री दी जा रही है।
किसानों का धरना-प्रदर्शन, पुलिस से वार्ता विफल
नोएडा के सेक्टर 95 में स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों ने धरना शुरू कर दिया है। पुलिस और प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ वार्ता होने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया, जिसके बाद किसानों ने यहां धरने पर बैठने का फैसला लिया।
नई दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर नई दिल्ली क्षेत्र में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है। पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है, और ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है। इस बीच, चिल्ला बॉर्डर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद हैं।
बिना समाधान के नहीं लौटेंगे घर
प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होता, वे घर नहीं लौटेंगे। प्रदर्शन में शामिल एक किसान नेता ने कहा, “सरकार के पास हमारी मांगें पूरी करने का समय है, अगर वे मान जाते हैं तो हम घर लौटेंगे, अन्यथा आगे के कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे।”