छत्तीसगढ

पिता की मौत की खबर भी अपने डगर से नहीं हिला सकी कलाकार को, करता रहा एक्टिंग

राजनांदगांव। कहा जाता है कि एक कलाकार अपनी कला को जिंदा रखने के लिए हर जतन करता है। उसे कोई भी बाधा नहीं डिगा सकता है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया है, यहां एक कलाकर अपनी पिता की मौत की खबर सुनने के बाद भी रंगमंच के अभिनय और जीवन की अदाकारी को बखूबी निभाया। उन्होंने अपने कला के प्रदर्शन के दौरान इसकी जरा भी जानकारी किसी की नहीं होने दी। चेहरे पर दुखों के भाव को मुस्कान में बदल कर लोगों का मनोरंजन करते हैं। यह कहानी राजनांदगांव जिले के रहने वाले कलाकार नागेश पठारी का है।

दरअसल, बीतें दिनों बस्तर संभाग में बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर 15 दिसबंर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित प्रदेश के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। नक्सल प्रभावित ग्रामीणों की स्थिति को लेकर दोपहर 3 बजे प्रस्तुत होना तय था। इस नाटक की अगुवाई नागेश पठारी कर रहे थे।

वे इस नाटक में मुख्य भूमिका में थे। प्रस्तुति से ठीक पहले नागेश के पिताजी जीआर पठारी का निधन हार्ट अटैक की वजह से राजनांदगांव में हो गया। इसकी खबर नागेश को दी गई। अपने पिता की मृत्यु की खबर सुनने के बाद भी नागेश ने अपने नाटक के प्रदर्शन को ही प्राथमिकता दी। अपने पिता के शोक भाव को मन के एक कोने में दबाकर उन्होंने गाना गाया, नृत्य किया। नागेश ने अपनी भावनाओं को अपनी अदाकारी के बीच नहीं आने दिया और जिंदगी के अभिनय को रंगमंच पर प्रकट नहीं होने दिया। यह घटना दूसरे कलाकारों के लिए प्रेरणादायक रही।

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