“दतिया सामूहिक हत्याकांड: 21 साल बाद सात दोषियों को 11 बार आजीवन कारावास की सजा”
दतिया। राजगढ़ चौराहे पर 21 साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड के मामले में सात लोगों को 11 बार आजीवन कारावास और दो को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी नौ दोषी एक ही परिवार के हैं। 23 अप्रैल 2003 को कोर्ट की पेशी से लौट रहे लोगों को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और सात लोग घायल हुए थे।
13 लोग नामजद थे, दो की हो चुकी है मौत
गुरुवार को दतिया के विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी ने यह फैसला सुनाया। इस दौरान न्यायालय परिसर पुलिस छावनी बना रहा। कोर्ट की सुनवाई में 21 वर्ष लंबे समय तक चले इस प्रकरण में 13 लोग नामजद थे। इनमें से दो की केस विचारण के दौरान मौत हो गई। वहीं, दो सुनवाई वाले दिन भी हाजिर न हुए, उनको फरार घोषित करते हुए वारंट जारी किया गया है।
23 अप्रैल 2003 को चली थी अधाधुंध
सामूहिक हत्याकांड में घायल राघवेंद्र प्रताप सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके अनुसार 23 अप्रैल 2003 को दोपहर डेढ़ बजे सतेंद्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा, राधा बल्लभ दांगी, धर्मेंद्र कमरिया एवं मोजी तिवारी अपने सात साथियों के साथ दो जीपों में बैठकर सुरेश यादव हत्याकांड में न्यायालय से पेशी कर लौट रहे थे।
100-150 गोलियां चलीं
इसी दौरान आरोपित महेश यादव ने साथियों के साथ राजगढ़ चौराहे के पास हथियारों से लैस होकर उन्हें घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। रायफलों से 100-150 राउंड फायरिंग की गई। कुल 11 लोगों को गोलियां लगीं।
जब जीप रुक गई तो सतेंद्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा एवं राधाबल्लभ दांगी के सिर में पास आकर कई गोलियां मारीं गई, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। मोजी तिवारी एवं धर्मेंद्र कमरिया ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
सात बार अलग-अलग आजीवन कारावास
न्यायालय ने पूर्व सरपंच महेश यादव, बलवीर सिंह यादव, अतरसिंह यादव, मुन्ना यादव, बरजोर सिंह यादव, मुकेश टांडोरिया यादव, वनमाली यादव को हत्या का दोषी पाते हुए चार बार व हत्या के प्रयास में सात बार अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
वहीं, दौलत सिंह यादव, राकेश यादव को अपराध में साजिश का दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है। आरोपित श्यामलाल साहू एवं केहरी यादव की मृत्यु हो गई है। मुकेश यादव एवं विशंभर उर्फ बलदाऊ सिंह फरार हैं।