मध्यप्रदेश

इंदौर में Fraud करने वाला दुबई माड्यूल का Cyber ठग तेलंगाना से गिरफ्तार, क्रिप्टो से कैश कराते थे पैसे..

 इंदौर : अपराध शाखा ने साइबर ठगी (डिजिटल अरेस्ट) के आरोपित के. कृष्ण कुमार को साइबराबाद (तेलंगाना) से गिरफ्तार किया है। गिरोह का मास्टर माइंड इसका भाई जयसिन्हा रेड्डी है, जो दुबई से नेटवर्क संचालित करता है। आरोपितों की कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित छह राज्यों की पुलिस को तलाश है। पुलिस इस गिरोह के 111 बैंक खातों को फ्रीज करवा चुकी है।

साफ्टवेयर इंजीनियर से ठगी

भंवरकुआं क्षेत्र निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर युवती के साथ 12 लाख 10 हजार रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। पुलिस ने जांच कर झालावाड़ (राजस्थान) के आनंद कुमार को पकड़ा तो उसके अनुसार उसने जयसिन्हा के इशारे पर फर्जी खातों की व्यवस्था की थी। पुलिस दो महीने पूर्व जयसिन्हा के घर पहुंची तो पत्नी श्वेता रेड्डी ने बताया कि वह दुबई से गैंग आपरेट करता है। जयसिन्हा पहले ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से ठगी करता था।

400 से ज्यादा फर्जी सिमकार्ड का उपयोग

श्वेता और जयसिन्हा विशाखापट्टनम में लाखों रुपयों की धोखाधड़ी के मामले में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। गुरुवार को अपराध शाखा ने जयसिन्हा के भाई के. कृष्ण कुमार को गिरफ्तार कर लिया। कृष्ण कुमार रुपयों को ठिकाने लगाने और गिरोह के सदस्यों में बंटवारा करने का काम करता था। आरोपितों द्वारा 400 से ज्यादा फर्जी सिमकार्ड का उपयोग किया गया था। इसमें कई सिम वृद्ध बीवीएन रेड्डी के नाम पर जारी करवाई थी।

क्रिप्टो करंसी से एक्सचेंज

पूछताछ में कृष्ण कुमार ने बताया कि जयसिन्हा ज्यादा वक्त दुबई में बिताता है। धोखाधड़ी के रुपयों से बायनेंस (एक्सचेंज) के माध्यम से यूएसडीटी (क्रिप्टो करंसी टेथर) खरीद कर दुबई में कैश करवा लेता था। रुपये भारत में हवाला के माध्यम से भेजे जाते थे। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

शादी के लिए रखी पूंजी खपाई

युवती की शादी के लिए रखी पूंजी डीसीपी बनकर ठगी एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के अनुसार युवती बेंगलुरु में साफ्टवेयर इंजीनियर है। स्वजन उसकी शादी की तैयारी कर रहे थे। युवती ने शादी के लिए ही रुपये जमा किए थे।

ऐसे की ठगी

आरोपितों ने 25 मई को कोरियरकर्मी बनकर कॉल कर बताया कि उसके द्वारा मुंबई से ताइवान भेजा पार्सल कस्टम विभाग ने रद कर दिया है। उसमें फर्जी पासपोर्ट, 200 ग्राम ड्रग, क्रेडिट कार्ड, पांच किलो कपड़े, एक लैपटाप शामिल है। आरोपित ने कहा कि पार्सल आधार कार्ड से लिंक भी किया गया है। उसने फर्जी साइबर क्राइम (अंधेरी) में काल ट्रांसफर की और गिरोह के सदस्यों को इंस्पेक्टर बनाकर बात करवाई।

ठग ने युवती से कहा कि चार घंटे के अंदर बयान दर्ज करवाने के लिए मुंबई आना होगा। उसने युवती को स्काइप कॉल से जोड़ा और फर्जी डीसीपी (बालूसिंह) से बात करवाई। उसने भी मनी लान्ड्रिंग, तस्करी, धोखाधड़ी जैसे मामलों में गिरफ्तार करने की धमकी दी और खाते की जांच का झांसा देकर 12 लाख 10 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

आरोपितों ने कहा कि उसके तीन खातों में गैरकानूनी तरीकों से तीन करोड़ रुपयों का लेनदेन हुआ है। 400 से ज्यादा फर्जी सिमकार्ड का इस्तेमाल पुलिस ने जांच की तो पता चला जयसिन्हा द्वारा संगठित गिरोह संचालित किया जा रहा है। इस गिरोह द्वारा पूरे देश में इसी तरह ठगी की जाती है। 25 मई को ठग के खाते में एक करोड़ से ज्यादा रुपये जमा हुए हैं।

पुलिस ने 111 बैंक खातों को फ्रीज करवाया है। मोबाइल नंबरों की जांच की तो पता चला कि 400 से ज्यादा सिमकार्ड का उपयोग किया गया है। पुलिस आरोपितों के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी कर रही थी कि जयसिन्हा साइबराबाद आ गया। पुलिसकर्मियों ने रैकी कर दबिश दी, लेकिन वह फरार हो गया और कृष्ण कुमार पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

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