छत्तीसगढ

नियम ताक में रखकर दो तहसीलदारों ने बिल्डरो को दे दी शासकीय भूमि, कलेक्टर ने किया निलम्बित

बिलासपुर। शासकीय भूमि को बिल्डरों के निजी उपयोग के लिए देने पर कलेक्टर ने तत्कालीन तहसीलदारों पर निलम्बन कार्रवाई की अनुशंसा की है। संभागायुक्त को की गई अनुशंसा में कलेक्टर ने तीन बिल्डरों को फायदा पहुंचाने व शासन को करोड़ों की हानि का जिक्र भी किया है। तीन बिल्डरों को शासकीय जमीन को रास्ते के लिए आवंटन करने के मामले में शिकायतकर्ता पंकज खंडेलवाल ने मामले की शिकायत कलेक्टर अवनीश शरण से की थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच का जिम्मा ज्वाइंट कलेक्टर मनीष साहू (ओआइसी, लैंड रिकार्ड) को दिया था। जांच के बाद मिले साक्ष्य को ज्वाइंन कलेक्टर मनीष साहू ने कलेक्टर अवनीश शरण को सौंपा था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने दोनों तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी व नायाब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल को निलंबित करने व विभागीय जांच करने के लिए संभाग कमिश्नर को प्रतिवेदन भेजा है। कलेक्टर ने अपनी अनुशंसा में लाभान्वित हुए तीनों बिल्डरों का ले-आउट भी निरस्त किए जाने की बात कही है।
बिल्डर को पहुंचाया फायदा, ये हैं मामले
केस नंबर एक-कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त आदेश के अनुसार राज कंस्ट्रक्शन की जमीन खसरा क्रमांक 1330/2 रकबा 0.279, का रास्ता सरकारी जमीन से होकर जाता है। जमीन मालिक अर्जुन सिंह पिता शैलेन्द्र सिंह कछवाहा ने प्रकरण कमांक 202310075300018 पेश कर शासकीय जमीन 1331 से रास्ते की मांग को लेकर आवेदन दिया था। तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी ने शासकीय जमीन पर 30 फिट चौड़ा रास्ता प्रदान किया, वह भी नियम के परे जाकर यह बात जांच में सामने आई है।
केस नंबर दो- श्रीराम सरिता बिल्डर्स एण्ड कालोनाईजर्स प्राइवेट लिमिटेड ने जमीन पर कंट्रक्शन शुरू किया था। उसका रास्ता शासकीय जमीन से होकर गुजरता था। बिल्डर आशीष पिता रामनिवास गुप्ता ने तत्कालीन तहसीलदार शशिभूषण सोनी के पास प्रकरण कमांक 202310075300033 के आवेदन पेश किया। प्रस्तुत आवेदन में आवेदक की जमीन खसरा नंबर 298/1 व 299/4 पर पहुंचने के लिए शासकीय भूमि खसरा नंबर 293 से 70 फिट का रास्ता मांग की गई। बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए अतिरिक्त तहसीलदार ने नियमों को ताक में रख कर शासकीय भूमि पर 70 फीट चौड़े रास्ते के निर्माण को अनुमति प्रदान कर बिल्डर को फायदा पहुंचाया था।
केस नंबर तीन- गायत्री कंट्रक्शन के मालिक राघवेंद्र गुप्ता ने अपनी जमीन पर पहुंचने के लिए प्रकरण कमांक 202102075000033 आवेदन दिया था। तत्कालीन नायाब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल ने आदेश पारित कर शासकीय भूमि खसंरा नं 8/1 कुल रकबा 11.1170 हे में से 160 फिट लंबा तीन फीट चौड़ा कुल 5120 वर्गफीट भूमि गायत्री कंट्रक्शन को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से दे दिया।
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