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झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्रीय एजेंसियां करना चाहती हैं विचार विमर्श, शपथ पत्र के लिए हाईकोर्ट से मांगा समय 

रांची: संथाल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ से बदल रही डेमोग्राफी मामले में प्रार्थी दानियल दानिश की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता तुषार मेहता ने बहस की.

तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जितनी एजेंसियां हैं, सभी के अधिकारी के साथ एक बैठक करनी होगी. बैठक में सभी के साथ विचार करने के बाद शपथ पत्र दायर किया जाएगा. इसलिए समय दिया जाए. दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 12 सितंबर को निर्धारित किया है. खास बात है कि इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से शपथ पत्र दायर कर दिया गया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभी सभी जिले से डाटा कलेक्ट नहीं किया गया है. इसके लिए समय दिया जाए.

हाईकोर्ट ने इस मामले में बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल, यूआईडीएआई के डायरेक्टर जनरल, मुख्य सूचना आयुक्त, आईबी के डायरेक्टर जनरल और एनआईए के डायरेक्टर को भी प्रतिवादी बनाते हुए अलग-अलग शपथ पत्र देने को कहा था. पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि झारखंड में आदिवासियों की जनसंख्या कम होती जा रही है. फिर भी केंद्रीय संस्थानों की ओर से इतने संवेदनशील मसले पर जवाब दाखिल नहीं किया जा रहा है.

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