स्वास्थ्य विभाग में बड़ा गोलमाल…
रायपुर। स्वास्थ्य संचालक की रोक के बाद भी छत्तीसगढ़ दवा निगम ने 832.91 करोड़ रुपये की दवाएं, उपकरण और रीऐजेंट खरीदी तीन साल पहले की थी। इस पूरी खरीदी में इतना बड़ा गोलमाल हुआ कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधा ही नहीं थी वहां पर रीएजेंट भेज दिया गया। छत्तीसगढ़ में 915 से ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 186 में लैब तकनीशियन का भी पद स्वीकृत ही नहीं है। ऐसे हेल्थ सेंटरों में रीएजेंट और आटो एनालाइजर मशीन भेज दी गईं।
बतादें कि 2014 के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लैब तकनीशियन का पद सृजित किया गया, लेकिन अब तक जहां भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं वहां भर्ती ही नहीं हुई। इन स्वास्थ्य केंद्रों में भी लाखों रीएजेंट और उपकरण भेज दिए गए। यह पूरी खरीदी कांग्रेस शासन काल में हुई थी। इसमें उपकरण और रीऐजेंट की खरीदी 600 करोड़ से ज्यादा की है।
जबकि शासन का नियम ही नहीं है कि बिना वजट स्वीकृति के एक रुपए की भी खरीदी की जाए। इस तरह शासन को कर्ज के बोझ से बचाने के लिए 11 सितंबर 2019 को तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक निहारिका बारिक ने सीजीएमएससी को पत्र लिखकर निर्देशित किया था कि बिना स्वास्थ्य संचालनालय बजट मिले किसी भी तहर की खरीदी न की जाए।
खरीदी की हो रही जांच, इसलिए अटका भुगतान
भाजपा सरकार पूरी खरीदी की सीमीक्षा कर रही है। सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक ने 23 अप्रैल और 05 जुलाई को दवाई कंपनियों की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए स्वास्थ्य संचालक को पत्र लिखकर मांग की थी। जबकि खुद शासन स्तर पर इस खरीदी की जांच की जा रही है। अहम बात यह है कि इस पूरी खरीदी में कुछ जरूरी दवाओं की भी खरीदी हुई थी उनका भुगतान भी अटका हुआ है। ऐसी कंपनियों ने सप्लाई रोक दी है।
जांच जांचने की सुविधा नहीं वहां भेज दिया लाखों रीएजेंट
अमोनिया लेवल टेस्ट जांच रीएजेंट की सप्लाई
अमोनिया रीएजेंट भी बड़ी मात्रा में हेल्थ सेंटरों में सप्लाई किया गया है। लैब में इसकी जांच करने वाला उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद लाखों का कार्डियेक मारकर रीएजेंट सप्लाई कर दिया गया है।
खून का थक्का जमना रीएजेंट की सप्लाई
कोविड के दौरान ब्लड की थिकनेस की जांच के लिए टी-टाइमर रीएजेंट का उपयोग किया जाता था। जांचने की सुविधा नहीं है। इसके बाद भी बायोकेमेस्ट्री एनालाइजर की थोक में सप्लाई कर दिया गया है।
लीवर फंक्शन टेस्ट रीएजेंट की सप्लाई
लीवर फंक्शन टेस्ट केवल सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर लिखते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जहां डॉक्टर नहीं हैं वहां एडिनोसिन डीएम इमेज रीएजेंट भेज दिया गया।
छग स्वास्थ्य विभाग मंत्री श्याम विहारी जायसवाल ने कहा, कांग्रेस सरकार में जितनी भी उपकरण और रीएजेंट की खरीदी की गई है उनकी जांच की जा रही है। जिन अधिकारियों के संरक्षण में खरीदी हुई है उनपर कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान कंपनियों का भुगतान अभी करने के संबंध में कोई विचार नहीं है।
इतने की उधारी में हुई खरीदी
दवाएं – 305.12 करोड़
कंज्यूमेबल – 44.40 करोड़
रीएजेंट – 363.60 करोड़
उपकरण राज्य बजट – 56.21 करोड़
उपकरण मुख्यमंत्री राहत कोष – 22.75 करोड़
उपकरण 15वें वित्त आयोग – 37.74 करोड़
उपकरण नाबार्ड – 3.09 करोड़