भूपेश बघेल और विनोद वर्मा की मुसिबतें बड़ी फर्जी सेक्स सीडीमामले में सीबीआई ने राज्य में सुनवाई का फैसला
रायपुर। एक बड़े घटनाक्रम में सीबीआई (CBI) ने सेक्स सीडी कांड की दीगर राज्य में सुनवाई करने का अपना आवेदन वापस ले लिया है। सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर, अपना पुराना आवेदन वापस ले लिया है। सीडी कांड, 27 अक्टूबर 2017 को उजागर हुआ था। इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके सलाहकार कांग्रेस नेता विनोद वर्मा आरोपी हैं, और वो जमानत पर हैं। उन पर अश्लील सीडी वायरल करने का आरोप है। गौरतलब है कि सीबीआई ने जब सुप्रीम कोर्ट में जब आवेदन दीगर राज्य में सुनवाई हेतु लगाया था उस समय भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में शासन कर रही थी। चूंकि अब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापस हुई है अब वातावरण भूपेश बघेल और उनके सहयोगी
वर्मा के अनुकूल नहीं होने के कारण और परतस्थितियाँ के परिवर्तन होने के बाद फिर से सुनवाई राज्य की अदालत में होगी। अब इस केस में जल्द से जल्द सुनवाई शुरू होने की संभावना है और फर्जी सेक्स सीडी केस मामलें में तमाम सुबूतों को गवाहों द्वारा न्यायलय में साबित कराया जाएगा। फर्जी सेक्स सीडी कांड के गवाहों को अब किसी भी प्रकार से खतरा नहीं होने का कारण जल्द से जल्द फर्जी सेक्स सीडी मामलें में फैसला आएगा जिसमें भूपेश बघेल-विनोद वर्मा और अन्य साथियों की मुसीबतें बढ़ने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत का फर्जी सेक्स सीडी बनाकर बदनाम करने के मामले का खुलासा किया था, और फिर तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। इस प्रकरण पर चालान पेश हो चुका है लेकिन आगे की सुनवाई कानूनी अड़चनों के कारण नहीं हो पा रही है। इस पूरे मामले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, और विनोद वर्मा को गिरफ्तार भी किया था। विनोद वर्मा के नोएडा स्थित निवास पर भी छापेमारी की थी। वो करीब तीन महीने जेल में भी रहे। बाद में वो जमानत पर छूट गए। इस पूरे मामले में सीबीआई ने करीब 2 सौ लोगों को गवाह बनाया है।